एक सप्ताह में दूसरी बार अजमेर में रावत समाज ने दिखाई ताकत। लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मियां तेज।
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17 सितम्बर को अजमेर जिले के बांदनवाड़ा कस्बे में रावत सेना का एक बड़ा सम्मेलन हुआ। एक सप्ताह में यह दूसरा अवसर रहा जब जिलेभर के रावत इतनी बड़ी संख्या में एकत्रित हुए। हालांकि रावत सेना के सम्मेलन में मंच से बार बार कहा गया कि इसका उद्देश्य राजनीतिक नहीं है। लेकिन सब जानते हैं कि गत 10 सितम्बर को जब पुकर में रावत समाज का प्रतिभावान सम्मान समारोह हुआ था, तब अनेक रावत नेताओं ने मंच से खुलकर राजनीति की बातें की। सब जानते हैं कि भाजपा सांसद सांवरलाल जाट के निधन से अजमेर में लोकसभा के उपचुनाव होने हैं। ऐसे अजमेर का राजनीतिक माहौल पहले से ही गर्म है। एक सप्ताह में दूसरी बार रावतों के एकत्रित होने से प्रतीत होता है कि अन्य जातियों के मुकाबले रावतों ने भी अपनी ताकत दिखाने का फैसला किया। पुष्कर स्थित रावत महासभा के अध्यक्ष ज्ञान सिंह रावत ने तो पुष्कर के सम्मेलन में स्पष्ट कहा था कि यदि रावत समुदाय को गुर्जरों की तरह आरक्षण के लिए विशेषदर्जा नहीं दिया गया तो उपचुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा।
कुंदन सिंह रावत की रही भूमिकाः
बांदनवाड़ा में रावत सेना का सम्मेलन करवाने में महेन्द्र सिंह और गोपाल सिंह के साथ-साथ सेना के संयोजक कुंदन सिंह रावत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि कुंदन ने भी अपने संबोधन में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की बात कही, लेकिन सब जानते हैं कि कुंदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के विश्वास पात्रों में से हैं। पायलट की मेहरबानी से ही कुंदन कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश संगठक बने हुए हैं। जब कोई राजनेता अपने समाज में भी सक्रिय होता है तो उसकी महत्वकांक्षा के बारे में सब जानते हैं। रावत सेना को मजबूत करने में कुंदन की भी भाग दौड़ रही है। सम्मेलन को सफल बनाने के लिए ही 17 सितम्बर को कोई तीन सौ वाहनों की रैली भी कुंदन के नेतृत्व में ही निकाली गई।
अजमेर में खासा महत्वः
यंू तो राजस्थान के भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, चित्तौड़ तथा जयपुर में रावत समुदाय के लोग हैं, लेकिन सबसे ज्यदा असर अजमेर जिले में है। उपचुनाव के मद्देनजर अजमेर संसदीय क्षेत्र से भले ही ब्यावर को अलग कर दिया गया हो, तो भी पुष्कर में 40 हजार, नसीराबाद में 25 हजार, मसूदा में 40 हजार तथा अजमेर शहर के निकटवर्ती गांवों में 20 हजार से ज्यादा रावत मतदाता माने जाते हैं। उम्मीदवारी जताने वाले रावतों का कहना है कि पहले भी पांच बार अजमेर से रासा सिंह रावत सांसद चुने गए हैं।
सामाजिक कुरीतियां मिटाने का संकल्पः
सम्मेलन में सामाजिक एकता के संकल्प के साथ-साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने का निर्णय भी लिया गया। सम्मेलन में युवाओं को आगे लाने की बात कही गई। सम्मेलन में रावत समाज का प्रथम संत समागम, प्रदेश स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता, गुरु वंदन छात्र अभिनंदन जैसे समारोह करने का भी निर्णय लिया गया। रावत सेना से जुड़ने के लिए मोबाइल नम्बर 9414009085, 9929283257, 9413949259 तथा 9001437376 पर सम्पर्क करने के लिए कहा गया। इस सम्मेलन को सफल बनाने में रामकमल सिंह, शक्ति सिंह, चमन सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, हरचंद राजोरिया, वेद प्रकाश मसूदा, युवाराज सिंह आदि की भी सक्रिय भूमिका रही।
एस.पी.मित्तल) (17-09-17)
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