अजमेर में भक्तों ने भजन गायक नरेन्द्र चंचल को माता के स्वरूप में माना। यह है भारत की सनातन संस्कृति।

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26 सितम्बर की रात को देश के सुविख्यात भजन गायक नरेन्द्र चंचल ने अजमेर के आजाद पार्क में भजनों की शानदार प्रस्तुति दी। सब जानते हैं कि चंचल न तो कोई संत है और न ही धर्मगुरु। लेकिन इसके बाद भी अजमेर के भक्तों ने चंचल को नवरात्र में माता का स्वरूप माना। लोगों ने चंचल को माता की चुनरी ओढाई और चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। चंचल भी इस आदर और सम्मान से अभीभूत नजर आए। यही वजह रही जो चुनरी उन्हें ओढाई गई उन्हें चंचल ने माता के प्रसाद के तौर पर भक्तों को बांट दिया। जिन भक्तों को चंचल द्वारा पहनाई गई चुनरी मिली वह स्वयं को भाग्यशाली समझ रहे थे। भक्तों को ऐसा लगा जैसे स्वयं माता रानी ने चुनरी भेजी है। जिन लोगों ने चंचल की चुनरी ओढी वे स्वयं को गौरवांवित समझ रहे थे। मैं यह सब बातें इसलिए लिख रहा हंू ताकि युवा पीढ़ी को हमारी सनातन संस्कृति का अहसास हो। जब हम एक भजन गायक को माता के स्वरूप में देख सकते हैं तो फिर हमें उन सब बुराईयों से बचना चाहिए, जिनकी वजह से हम अनेक परेशानियां झेल रहे हैं। नरेन्द्र चंचल पर माता रानी की कृपा ही कहा जाएगा कि वह पिछले 37 वर्षों से लगातार माता के भजन गा रहे हैं। जब सिर्फ भजन गाने से ही चंचल माता के स्वरूप में देखे जाते हैं तो फिर माता रानी की शक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। हमारी सनातन संस्कृति में माता के नौ प्रमुख स्वरूप माने गए हैं। इसलिए नवरात्र का उत्सव 9 दिनों तक मनाया जाता है। दसवें दिन भले ही रावण को जलाया जाता हो, लेकिन असली ताकत नवरात्र में मात की पूजा अर्चना से ही मिलती है।
मेहंदी खोला मंदिर का आभारः
नवरात्र के दिनों में नरेन्द्र चंचल जैसे महंगे भजन गायक को अजमेर में बुलाने के लिए शास्त्री नगर स्थित श्राइन बोर्ड मेहंदी खोला का आभार प्रकट किया जाना चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा, पंकज टांक, विकास टांक, योगेन्द्र भाटी, पार्षद ज्ञान सारस्वत, संदीप भार्गव आदि ने पूरे आयोजन के लिए कड़ी मेहनत की। आजाद पार्क के विशाल मैदान में आकर्षक मंदिर बना कर माता रानी की प्रतिमा स्थापित की और चंचल की प्रसिद्धि के अनुरूप स्टेज बनाया। पूरा आजाद पार्क खचाखच भरा था। हालांकि चंचल स्टेज पर रात 11 बजे आए। लेकिन आते ही भजनों की झड़ी लगा दी। बिना रुके एक के बाद एक लोकप्रिय भजन गाए तो श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इससे पहले हरियाणा के भजन गायक नरेश सेन और अजमेर के विमल गर्ग ने भी भजनों की प्रस्तुति दी। शास्त्री नगर में ही मेहंदी खोला का भव्य मंदिर बना हुआ है।
एस.पी.मित्तल) (27-09-17)
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