तो अजमेर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सेवा में नहीं जाएंगे सरकारी डाॅक्टर। राजस्थान भर में डाॅक्टरों का असहयोग आंदोलन शुरू। ======
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2 अक्टूबर से राजस्थान भर में सेवारत चिकित्सकों ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत कर दी है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले एक वर्ष से सरकारी चिकित्सक आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक आंदोलन में जो तौर तरीके अपनाए गए उनका राज्य सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा। इसलिए चिकित्सकों ने 2 अक्टूबर से बेमियादी असहयोग आंदोलन शुरू किया है। चिकित्सकों का कहना है कि वे अस्पतालों में बैठकर गंभीर मरीजों का इलाज तो करेंगे, लेकिन अन्य प्रशासनिक कार्यों का पूरी तरह बहिष्कार करेंगें। जैसे मेडिकल बिल अथवा अन्य सरकारी कागजों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। इतना ही नहीं शहर से बाहर लगने वाले कैम्पों में भी नहीं जाएंगे और अस्पताल के बाहर वीआईपी ड्यूटी भी नहीं देेंगे। यदि राजस्थान भर के सरकारी चिकित्सक अपनी घोषणा पर अमल करते हैं तो फिर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के तीन दिवसीय अजमेर दौरे में भी एम्बुलैंस के साथ सरकारी चिकित्सक उपलब्ध नहीं होंगे। मुख्यमंत्री को मिले प्रोटोकाॅल के अनुसार मुख्यमंत्री जब भी किसी जिले के दौरे में जाती हैं तो संबंधित जिले के सरकारी चिकित्सक डाॅक्टरों की टीम उनके साथ हमेशा उपलब्ध रहती है। सीएम राजे 5 से 8 अक्टूबर तक अजमेर में ही रहेंगी। अजमेर के संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के प्राचार्य डाॅ. राजेन्द्र गोखरु भी असहयोग आंदोलन में शामिल है। डाॅ.गोखरु की पत्नी श्रीमती कमला गोखरु भाजपा के महिला मोर्चे में सक्रिय हैं। अब देखना है कि डाॅ. गोखरु इन चुनौतियों से कैसे निपटते है यदि मुख्यमंत्री के प्रोटोकाॅल में चिकित्सकों की टीम को नहीं भेजा गया तो यह अनुशासनहीनता होगी और यदि भेजा जाता है तो यह असहयोग आंदोलन की भावनाओं के विपरीत होगा।
एस.पी.मित्तल) (02-10-17)
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