दो दिसम्बर को जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर्व है, इसलिए एक दिसम्बर को पद्मावती फिल्म रिलीज नहीं हो सकती। विवाद फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट में। विरोध जारी। बूंदी घराना समर्थन में। अजमेर के सिनेमा घरों में नहीं चलेगी फिल्म।

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दो दिसम्बर को जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर्व है, इसलिए एक दिसम्बर को पद्मावती फिल्म रिलीज नहीं हो सकती। विवाद फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट में। विरोध जारी। बूंदी घराना समर्थन में। अजमेर के सिनेमा घरों में नहीं चलेगी फिल्म।
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17 नवम्बर को भी राजस्थान सहित देशभर में फिल्म पद्मावती का विरोध होता रहा। पद्मावती जिस चित्तौड़ की रानी थी वह चित्तौड़ 17 नवम्बर को पूरी तरह बंद रहा। देशव्यापी विरोध के बीच ही अब उच्च स्तर पर यह तय हो गया है कि फिल्म एक दिसम्बर को रिलीज नहीं होगी, क्योंकि दो दिसम्बर को देशभर पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म दिन जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर्व के तौर पर मनाया जाएगा। कोई भी राज्य सरकार और केन्द्र सरकार यह नहीं चाहेगी कि दो दिसम्बर को किन्हीं कारणों से हालात तनावपूर्ण हों। हालांकि फिल्म के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली ने फिल्म के रिलीज की तारीख एक दिसम्बर बताई है, लेकिन अभी तक भी इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से अनुमति नहीं मिली है। कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार सेंसर बोर्ड के माध्यम से ही फिल्म के रिलीज को स्थगित करवा देगी।
बूंदी घराना समर्थन में आयाः
जहां पद्मावती फिल्म को लेकर लोगों में खास कर राजपूत समाज में जबर्दस्त आक्रोश है, वहीं राजस्थान का बूंदी घराना फिल्म के समर्थन में उतर आया है। पूर्व राजघराने की बहु मयूरी सिंह ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि फिल्म को देखे बिना विरोध नहीं करना चाहिए। फिल्म देखने के बार समीक्षा हो और कोई आपत्तिजनक दृश्य हो तो विरोध होना चाहिए।
अजमेर के सिनेमा घरों में नहीं चलेगी फिल्मः
17 नवम्बर को श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने शहर भर में जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने के बाद शहर के सभी प्रमुख सिनेमा घरों के बाहर भी प्रदर्शन किया। इस उग्र प्रदर्शन को देखते हुए सिनेमा घरों के प्रबंधकों ने भरोसा दिलाया है कि वे फिल्म पद्मावती का प्रदर्शन नहीं करेंगे इसके साथ इन सिनेमा घरों के बाहर एक पोस्टर चस्पा किया गया है जिसमें यह लिखा गया है कि हमारे सिनेमा घर में फिल्म पद्मावती बैन है। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि सिनेमा घर के मालिक अपने वायदे पर कायम रहेंगे। कुंदन नगर स्थित राजपूत छात्रावास में भी 17 नवम्बर को राजपूत महिलाओं की एक सभा हुई जिसमें फिल्म पद्मावती का जमकर विरोध किया गया।
विवाद फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्टः
हालांकि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में एक बार फिल्म पद्मावती को लेकर दायर याचिका को खारिज कर चुका है, लेकिन 17 नवम्बर को वरिष्ठ वकील एमएल शर्मा ने जब कोर्ट का ध्यान देश भर में बढ़ते विवाद की ओर दिलाया तो चीफ जस्टिस ने कहा कि पहले याचिका दायर की जाए। सीजेआई के इस बदले रुख से प्रतीत होता है कि अब सुप्रीम कोर्ट फिल्म के विवाद पर सुनवाई कर लेगा। इस बीच राजस्थान के मशहूर वकील एके जैन का कहना है कि केन्द्र अथवा कोई भी राज्य सरकार कानून व्यवस्था के मद्देनजर फिल्म को बैन कर सकती है। इससे पहले भी कई बार फिल्मों को बैन किया गया। चूंकि राजस्थान में इस फिल्म को लेकर ज्यादा आक्रोश है इसलिए सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से बैन की घोषणा करें।
महाराष्ट्र में मिलेगी सुरक्षाः
एक ओर राजस्थान सहित अनेक हिन्दी भाषी राज्यों में फिल्म पद्मावती को लेकर लोगों का आक्रोश सड़कों पर है वहीं महाराष्ट्र सरकार ने दो टूक शब्दों में कहा है कि पद्मावती फिल्म का प्रदर्शन करने वाले सिनेमा घरों और फिल्म के कलाकारों को सरकार पूर्ण सुरक्षा देगी।
एस.पी.मित्तल) (17-11-17)
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