सचिन पायलट के घर में ही उपचुनाव के मौके पर घमासान। उद्योगपति के पैलेस में बैठक करने पर नाराजगी। बड़े नेताओं में एकता नहीं हुई तो धौलपुर जैसे हालात-प्रमोद जैन।

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सचिन पायलट के घर में ही उपचुनाव के मौके पर घमासान। उद्योगपति के पैलेस में बैठक करने पर नाराजगी। बड़े नेताओं में एकता नहीं हुई तो धौलपुर जैसे हालात-प्रमोद जैन।
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राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में अजमेर जिले का महत्व इसलिए है कि अजमेर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट का चुनाव क्षेत्र है। इसलिए पायलट अजमेर में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव को लेकर चिंतित हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि अजमेर के लोग पायलट के सांसद के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को भी आज भी याद करते हैं, लेकिन पायलट के लिए यह निराशाजनक है कि उपचुनाव के ऐन मौके पर उनके घर में ही घमासान मचा हुआ है। इसका प्रमुख कारण यह है कि पायलट ने जिन लोगों को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी है वे अभी तक भी अपनी पकड़ नहीं बना पाए हैं। इसका ताजा उदाहरण 16 नवम्बर को अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी की बैठक में देखने को मिला। कमेटी की बैठक से पहले बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ। अजमेर शहर के दो विधानसभाओं में 367 बूथ हैं, इस लिहाज से सम्मेलन में 367 कार्यकर्ता तो उपस्थित रहने ही चाहिए थे, लेकिन कुल मिलाकर कर 200 कार्यकर्ता भी उपस्थित नहीं थे। इसमें से भी 100 से ज्यादा व्यक्ति तो हेमंत भाटी के समर्थक थे। भाटी दक्षिण क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में टिकिट के दावेदार हैं। सम्मेलन में जब बूथ स्तर के कार्यकर्ता की उपस्थिति जांचने की बात आई तो शहर अध्यक्ष विजय जैन ने सूची नहीं लाने की बात कही। हालांकि प्रदेश उपाध्यक्ष और अजमेर के प्रभारी प्रमोद जैन भाया ने दफ्तर से सूची मंगवाने की बात कही, लेकिन विजय जैन सूची नहीं मंगवा सके। इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस का बूथ मैनेजमेंट सिर्फ कागजों में है। अब जब उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है, तब बूथ स्तर पर कार्यकर्ता ही सक्रिय नहीं है तो संगठन के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पैलेस में सम्मेलन पर एतराजः
विजय जैन ने नगरा स्थित नानकी पैलेस पर जहां सम्मेलन किया, उस स्थान को लेकर पूर्व मंत्री ललित भाटी, पूर्व मेयर कमल बाकोलिया, पूर्व विधायक डाॅ. राजकुमार जयपाल आदि ने एतराज किया। नाराजगी दिखाते हुए ही ये तीनों बड़े नेता सम्मेलन में शामिल भी नहीं हुए। असल में नानकी भवन हेमंत भाटी का है और हेमंत भाटी ही जयपाल, बाकोलिया और ललित भाटी के प्रतिद्वंदी हैं। आरोप है कि विजय जैन ने जयपाल बाकोलिया और ललित भाटी को रोकने के लिए हेमंत भाटी के पैलेस का उपयोग किया। हालांकि विजय जैन का कहना है कि इन तीनों नेताओं को व्यक्तिगत तौर भी सूचना दी गई थी। आरोप प्रत्यारोप कुछ भी हो, लेकिन सच्चाई यह है कि सम्मेलन का खर्चा वहन करने की क्षमता हेमंत भाटी में ही है। बीडी उद्योगपति हेमंत भाटी ही कांग्रेस संगठन का हर खर्चा वहन कर सकते हैं। यह बात अलग है कि इसकी एवज में वे विधानसभा चुनाव में दक्षिण क्षेत्र से उम्मीदवारी चाहते हैं। हेमंत भाटी को संगठन से ज्यादा अपने धन बल पर भरोसा है। भाटी को भी पता है कि उनके बिना अजमेर में कांग्रेस का काम नहीं चल सकता है।
धौलपुर जैसे होंगे हालात-भायाः
बूथ स्तरीय सम्मेलन में संगठन की फजीहत और बड़े नेताओं के स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कमेटी की बैठक में प्रभारी प्रमोद जैन भाया का कहना रहा कि यदि बड़े नेेताओं मे ंएकता नहीं हुई तो अजमेर उपचुनाव के परिणाम भी धौलपुर जैसे रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार के प्रति लोगों में गुस्सा है, इसका फायदा उपचुनाव में उठाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए पार्टी के सभी नेताओं को एकजुट होकर काम करना होगा। भाया ने कहा कि अजमेर में होने वाली गतिविधियों पर प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की खास नजर रहती है।
एस.पी.मित्तल) (17-11-17)
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