गुर्जर अफसर ने अपने ही समाज के मृत्यु भोज की जानकारी दी। अब इसे रोकने की चुनौती अजमेर प्रशासन की है। 29 नवम्बर को बलवंता गांव में होना है 52 गांवों का भोज।

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गुर्जर अफसर ने अपने ही समाज के मृत्यु भोज की जानकारी दी। अब इसे रोकने की चुनौती अजमेर प्रशासन की है। 29 नवम्बर को बलवंता गांव में होना है 52 गांवों का भोज।
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नागौर जिले के कुचामन उपखंड के एसडीएम रामसुख गुर्जर ने अजमेर के कलेक्टर गौरव गोयल और पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चैधरी को एक पत्र. लिखकर सूचित किया है कि अजमेर के निकटवर्ती बलवंता गांव में गुर्जर समाज का मृत्यु भोज हो रहा है। विश्वस्त सूत्रों के हवाले से गुर्जर ने बताया कि 52 गांवों का यह भोज 29 नवम्बर को होगा। पत्र में कहा गया है कि मृत्यु भोज रूढ़ीवादी कलंक है और साथ ही कानूनी अपराध। गुर्जर ने अपने ही समाज के इस भोज को रोकने का आग्रह किया है। गुर्जर ने इस पत्र के बाद ही अजमेर प्रशासन को यह पता चला कि बलवंता में कोई मृत्यु भोज हो रहा है। कलेक्टर गौरव गोयल के निर्देश पर एसडीएम अंकित कुमार ने जानकारी एकत्रित की तो पता चला कि बवलंता में महाभोज की तैयारियां हो रही है। बलवंता गांव ग्राम पंचायत राता के अधीन आता है। यहां के सरपंच डाल सिंह मेघवंशी ने भी माना कि बलवंता में 29 नवम्बर को महाभोज हो रहा है। मेघवंशी ने कहा कि उन्हें गुर्जर समाज के मृत्यु भोज की कोई जानकारी नहीं है। लेकिन 29 नवम्बर को बलवंता में 52 गांवों के ग्रामीण एकत्रित होंगे। इसकी तैयारियां चल रही है। पुलिस भी अब इस महाभोज पर नजर लगाए हुए हैं। हालांकि ऐसे महाभोज ग्रामीण क्षेत्रों में होना सामान्य घटना है। सरकार और प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी ऐसी सामाजिक कुरीतियां नहीं रुकती है। ऐसे आयोजनों को लेकर ग्रामीण समुदाय खास कर संबंधित समाज के लोग एकजुट होते हैं। वोटो की खातिर सरपंच विधायक और सासंद भी विरोध नहीं कर पाते। उल्टे जनप्रतिनिधि ऐसे समारोह में अपनी उपस्थिति दर्जा करवाते हैं। इसलिए इस महाभोज को रोकना अब अजमेर प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है।
कानूनी अपराध है-गुर्जरः
कुचामन सिटी के दबंग एसडीएम रामसुख गुर्जर ने कहा है कि मृत्यु भोज करना कानूनी अपराध है। चूंकि मैं एक कानूनी पद पर बैठा हंू इसलिए मेरा दायित्व बनता है कि ऐसे आयोजनों पर रोक लगवाऊ। मैंने एक जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते अजमेर प्रशासन को लिखित में सूचना दी है। मैं स्वयं भले ही गुर्जर समाज से संबंध रखता हंू लेकिन ऐसे अपराधों को रोकने के लिए जिम्मेदारी मेरी भी हैं।
नागौर जिले में चर्चित है गुर्जरः
रामसुख गुर्जर कुचामन सिटी के एसडीएम हैं, लेकिन उनकी कार्यशैली की चर्चा पूरे नागौर जिले में है। अभी हाल ही में स्कूलों में मिड डे मील का आकस्मिक निरीक्षण कर गुर्जर ने जिले भर में वाहवाही ली है। गत स्वतंत्रता दिवस पर कुचामन के स्टेडियम में उपखंड स्तर पर समारोह कर गुर्जर ने सभी को आश्चर्य चकित कर दिया। पिछले कई वर्षों से यह स्टेडियम कचरा डिपो बना हुआ था। लेकिन गुर्जर ने हजारों ट्रक कचरा उठवा कर स्टेडियम को फिर से उपयोगी बना दिया। अपने कार्यालय में भी गुर्जर रोजाना लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं। गुर्जर भारतीय सेना से रिटायर होकर राज्य प्रशासनिक सेवा में आए हैं।
एस.पी.मित्तल) (28-11-17)
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