5 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर गुर्जर समुदाय और वसुंधरा सरकार आमने-सामने।

5 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर गुर्जर समुदाय और वसुंधरा सरकार आमने-सामने। गुर्जर बहुल्य गांव में हालात तनाव पूर्ण। सौ गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने के बाद भरतपुर में धारा 144। कर्नल बैंसला ने बयाना में डेरा जमाया।
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5 प्रतिशत विशेष आरक्षण की मांग पर गुर्जर समुदाय और राज्य की वसुंधरा राजे सरकार आमने-सामने हो गए हैं। इस बीच गुर्जर बहुल्य सौ गांव और शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। 13 मई को भरतपुर के जिला कलेक्टर संदेश नायक ने एक आदेश निकाल कर जिले में धारा 144 लागू कर दी है। 15 मई से शुरू होने वाले आंदोलन के मद्देनजर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने बयाना में अपना डेरा जमा लिया है। हालात को देखते हुए सरकार ने कर्नल बैंसला के समक्ष वार्ता का प्रस्ताव रखा है। लेकिन बैंसला का कहना है कि अब वार्ता से कोई हल निकलने वाला नहीं है। वार्ता तो हम पिछले दस वर्षों से सरकारों से करते आ रहे हैं। लेकिन गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं मिला है। हमें बार बार आंदोलन करने का कोई शौक नहीं है, लेकिन आज गुर्जर समाज के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। अति पिछड़ा समाज होने के बाद भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने अभी ओबीसी कोटे में जो आरक्षण दे रखा है उसे हासिल करने में गुर्जर समाज के युवा अन्य जातियों से पिछड़ जाते हैं, इसलिए हम अलग से पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। सरकार अब ये बताए कि पांच प्रतिशत आरक्षण गुर्जरों को किस प्रकार से दिया जाएगा। सरकार ने इससे पहले जितनी बार भी आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की है उस पर अदालतों ने रोक लगा दी है। मेरी सरकार से कोई नाराजगी नहीं है। मैं अपने समाज के लोगों के खातिर आंदोलन कर रहा हंूं। 15 मई से शुरू होने वाला आंदोलन कोई भी मोड़ ले सकता है।
हालात तनावपूर्णः
भरतपुर करौली, सवाई माधोपुर, दौसा आदि जिलों के गुर्जर बहुल्य गांव में हालात तनाव पूर्ण हो गए हैं। हालांकि आंदोलन की शुरुआत 15 मई से होगी, लेकिन गुर्जर समुदाय के युवाओं के उत्साह को देखते हुए जिला प्रशासन अभी से सतर्क हो गया है इसलिए करीब सौ गांवों और कस्बों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। इंटरनेट सेवाएं बंद होने से बैंकों और सरकारी दफ्तरों का काम काज पूरी तरह ठप हो गया है। हालात के मद्देनजर ही भरतपुर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है यानि अब भरतपुर के किसी भी स्थान पर पांच आमदी से ज्यादा एकत्रित नहीं हो सकते हैं। देखना होगा कि जो धारा 144 लागू की गई है उसका मुकाबला 15 मई से शुरू होने वाले आंदोलन में कैसे किया जाता है। आंदोलन में तो बड़ी संख्या में गुर्जर समुदाय की महिला-पुरुष एकत्रित होंगे। पुलिस यदि धारा 144 की पालना करते हुए गिरफ्तारी करती है तो हालात और बिगड़ेंगे। जानकारी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्वयं गुर्जर आंदोलन पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री का प्रयास है कि किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था बिगड़नी नहीं चाहिए। इसके लिए मुख्यमंत्री ने कई मंत्रियों को भी सक्रिय किए है। इन मंत्रियों का भी प्रयास है कि 15 मई से पहले पहले गुर्जर समुदाय के प्रतिनिधियों से समझौता वार्ता शुरू हो जाए।
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