पांच दिन पहले मां का इंतकाल हुआ फिर भी राशिद खान ने जरुरतमंदों के लिए रक्तदान शिविर लगया।
पांच दिन पहले मां का इंतकाल हुआ फिर भी राशिद खान ने जरुरतमंदों के लिए रक्तदान शिविर लगया।
============
अजमेर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल में नर्सिंग प्रभारी के पद पर काम करने वाले नागौर निवासी राशिद खान की माता जी हाजन मेहकुनिशा का इंतकाल 10 मई को हुआ, लेकिन इसके बावजूद भी 15 मई को राशिद खान ने पूरे उत्साह के साथ मित्तल अस्पताल में जरुरतमंद लोगों के लिए रक्तदान शिविर लगाया। मां के इंतकाल की रस्मों को छोड़ कर राशिद खान रक्तदान शिविर को सफल बनाने में लगे रहे। राशिद प्रति वर्ष अपने दादा मरहुम हनिफ खान की याद में दादा पोता के नाम से रक्तदान शिविर लगाते हैं। इस शिविर में जो रक्त एकत्रित होता है उसे जरुरत मंद लोगों को निःशुल्क देते हैं, चूंकि इस शिविर की घोषणा मां के इंतकाल के पहले ही हो गई थी, इसलिए मां ने भी अंतिम क्षणों में राशिद को शिविर लगाने की हिदायत दी। राशिद का दुःखी मन से कहना रहा कि शिविर लगाकर मैं अपनी मां हाजन मेहकुनिशा को श्रद्धांजलि ही दे रहा हंू। भले ही मैं अपनी 58 वर्षीय मां को बचा नहीं सका, लेकिन जरुरत मंद व्यक्ति को रक्त देकर बचाने की कोशिश करुंगा। दादा पोता शिविर का प्रचार भी सोशल मीडिया के माध्यम से ही किया जाता है। उनकी मित्र मंडली के लोग 200 यूनिट से भी ज्यादा का रक्तदान करते हैं रक्तदान के लिए मित्तल अस्पताल का प्रबंधन सभी आवश्यक सामान निःशुल्क उपलब्ध करवाता है। रक्तदाता को राजस्थान ब्लड हेल्प लाइन की ओर से प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भी दिया जाता है। दादा-पोता शिविर और रक्त लेने के संबंध में और अधिकारी जानकारी मोबाइल नम्बर 9460969786 पर राशिद खान से ली जा सकती है।
प्रबंधन ने भी की तारीफ
राशिद खान के जज्बे की तारीफ मित्तल अस्पताल के प्रबंधन ने भी की है। अस्पताल के निदेशक मनोज मित्तल ने कहा कि मां के इंतकाल के पांच दिन बाद रक्तदान शिविर लगा कर राशिद खान ने समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। रक्त समय पर मिल जाए तो मरीज की जान बच जाती है। राशिद ने अस्पताल के नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान में ही पढ़ाई की और आज अस्पताल की आपातकालीन ईकाई के नर्सिंग प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं। राशिद खान अपना कार्य सेवा भाव से करते हैं।