मानवतावादी समाज की रचना में लगे हैं आईपीएस किशन सहाय।

मानवतावादी समाज की रचना में लगे हैं आईपीएस किशन सहाय।
जैसी कथनी, वैसी करनी।

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जयपुर में राजस्थान पुलिस के सीआईडी (सीबी) में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत किशन सहायक इन दिनों मानवतावादी समाज की रचना में लगे हुए हैं। चूंकि किशन सहाय आईपीएस हैं, इसलिए समाज में उनकी बात को गंभीरता से सुना जाता है। किशन सहाय से मेरी मुलाकात 20 मई को टोंक जिले के अलीगढ़ कस्बे में एक समारोह में हुई। हम जब मंच पर बैठे थे, तब समारोह के आयोजकों ने अतिथियों को दीप प्रज्ज्वलन के लिए आमंत्रित किया। मैंने जूते उतारे और पूरी श्रद्धा भाव से मां सरस्वती की तस्वीर के निकट रखे दीपों को प्रज्ज्वलित किया। मैंने अपनी सनातन संस्कृति के अनुरूप मां सरस्वती की तस्वीर पर पुष्प भी अर्पित किए, लेकिन आईपीएस किशन सहाय मंच पर ही अपनी कुर्सी पर बैठे रहे। मैंने जब नहीं आने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी कथनी के अनुरूप ही आचरण करता हंू। चूंकि मैं दीप प्रज्ज्वलन जैसे कार्यों को मान्यता नहीं देता इसलिए मैंने इस समारोह में भी दीप प्रज्ज्वलन नहीं किया। किशन सहाय को इस बात पर भी ऐतराज था कि समारोह के एंकर ने उनके नाम के साथ सरनेम मीणा भी बोल दिया। उन्होंने एंकर को बुलाया और हिदायत दी की मेरा नाम सिर्फ किशन सहाय ही बोला जाए। मैंने जब किशन सहाय से उनके मानवतावादी समाज के बारे में जानकारी चाहती तो उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसा समाज बनाना चाहता हंू जिसमें मानवता सर्वोपरि हो। आज हमारे समाज पर धर्म, जाति आदि इतने हावी हो गए है कि मानवता दब गई है। जो जातियां बेहद गरीब हैं और शिक्षा का नितांत अभाव है, उन जातियों के फटेहाल लोग अपने नेता की मूर्ति लगाने से खुश हो जाते हैं। धार्मिक आयोजनों पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिया जाता है और अब तो अंधविश्वास भी तेजी से फैल रहा है। किसी धार्मिक स्थल पर चले जाने से कष्टों में कमी हो जाएगी यह मान्यता तेजी से बढ़ रही है। मैं अंधविश्वास के खिलाफ भी लोगों को जागरुक कर रहा हंू। कई बार जाति को देखकर योग्यता का आंकलन कर लिया जाता है। जबकि मेरा मानना है कि योग्यता का आंकलन मनुष्य की बुद्धि से होना चाहिए। मैं सरकारी नियमों की पालना करते हुए विभिन्न समारोह में जाता हंू और मानवतावादी समाज के प्रति लोगों को जागरुक करता हंू। किशन सहाय का मानना रहा कि यदि समाज का हर वर्ग शिक्षित होगा तो अपने आप खुशहाली आ जाएगी। धार्मिक अंधविश्वासों पर भी अंकुश लगेगा। मैं किसी परंपरा का विरोध नहीं करता। मैं इसी व्यवस्था में मानवतावादी समाज की रचना के लिए लोगों को जागरुक कर रहा हूं। मेरा मानना है कि धार्मिक आयोजन करने, प्रतिमाएं लगाने से पहले समाज को शिक्षित करना चाहिए। गरीब वर्ग को स्वास्थ्य सेवाएं मिले यह भी सुनिश्चित हो। तकनीक की वजह से आज इजरायल पूरी दुनिया विकास की दृष्टि से पहले स्थान पर है। भारत के युवाओं में भी क्षमता है। भारत भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है। मानवतावादी समाज के लिए और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9460928737 पर आईपीएस किशन सहाय से ली जा सकती है।

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