आखिर मोदी सरकार तेल की कीमत कब घटाएंगी?
आखिर मोदी सरकार तेल की कीमत कब घटाएंगी?
सड़कों पर है जनता का गुस्सा। सालाना 6 लाख करोड़ की कमाई।
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23 मई को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ। अब पेट्रोल 77 रुपए से लेकर 82 रुपए प्रति लीटर तक बिक रहा हैं। लगातार कीमत बढ़ने से डीजल के दाम भी पेट्रोल के बराबर हो रहे हैं। ताजा आंकड़े बताते है कि वर्ष 2016-17 में केन्द्र सरकार ने अकेले पेट्रोल डीजल से 3 लाख 35 हजार करोड़ रुपए की कमाई की, जबकि कमाई ये आंकड़ा इस वर्ष 6 लाख करोड़ रुपए आंका जा रहा है। सवाल उठता है कि जब सरकार को इतनी कमाई हो रही है तब सरकार तेल के दामों में कब कमी करेगी। यह माना कि कमाई का हिस्सा राज्य सरकार भी वसूलती हैं, लेकिन जब भी तेल के दाम बढ़ते हैं तो केन्द्र सरकार की ही आलोचना होती है। यह बात कोई मायने नहीं रखती कि विपक्ष में रहते हुए नरेन्द्र मोदी ने तेल के दामों पर यूपीए सरकार की आलोचना की थी। सवाल यह है कि तेल के दामों के बढ़ने से आम जनता को भारी परेशानी होती है। मोदी सरकार अपने बचाव में हर बार यह कहती है कि तेल से जो कमाई हो रही है उसे विकास कार्यों पर ही खर्च किया जा रहा है। नरेन्द्र मोदी माने या नहीं, लेकिन विकास कार्यों का लाभ होने के बजाए तेल के दामों में वृद्धि होने से भाजपा को ज्यादा नुकसान हो रहा है। सरकार की कथित उपलब्धियों पर अकेले तेल के दामों ने पानी फेर दिया है, जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो वह विपक्ष की भूमिका निभाएगी ही। सबको पता है कि इस वक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक बैरल कच्चा तेल 5 हजार 245 रुपए में खरीदा जा रहा है। इस हिसाब से एक लीटर पेट्रोल की कीमत मात्र 37 रुपए आती है, जबकि सरकार 82 रुपए लीटर तक बेच रही है। अच्छा हो कि जनता के विरोध को देखते हुए सरकार तेल की कीमतों में जल्द से जल्द कमी करे। छह माह बाद चार बड़े राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं।