सफाई कर्मियों की सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई। जिला मुख्यालयों पर लाॅटरी के जरिए चयनित अभ्यर्थियों के कोड निकाले।

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सफाई कर्मियों की सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई।
जिला मुख्यालयों पर लाॅटरी के जरिए चयनित अभ्यर्थियों के कोड निकाले।
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27 जून को राजस्थान में सफाई कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया को उस समय झटका
लगा जब जोधपुर स्थित हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज गर्ग ने सम्पूर्ण भर्ती
प्रक्रिया पर रोक लगा दी। अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं की ओर से लगाई गई
याचिका में कहा गया कि सामान्य वर्ग के आवेदकों को भी एससी वर्ग के समान
माना गया है इसलिए यह भर्ती प्रक्रिया संविधान में प्रदत्त आरक्षण के
प्रावधानों के विपरीत है। किसी भी भर्ती प्रक्रिया में सामान्य वर्ग के
आवेदकों को एससी वर्ग के समान नहीं माना जा सकता। मामले की गंभीरता को
देखते हुए जस्टिस गर्ग ने सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी।
जिला मुख्यालयों पर निकले कोडः
26 जून को हाईकोर्ट की जयपुर खंडपीठ के न्यायाधीश बीएल शर्मा व डीसी
सोमानी ने एक आदेश में भर्ती के परिणाम पर रोक लगाई थी। भारतीय वाल्मीकि
समाज की ओर से दायर याचिका पर जयपुर कोर्ट का कहना रहा कि तय कार्यक्रम
के अनुसार 27 जून को जिला मुख्यालयों पर लाॅटरी तो निकाली जाए, लेकिन
लाॅटरी का परिणाम सार्वजनिक न किया जाए। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुरूप ही
27 जून को प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर वर्गवार कोड निकाले गए।
अधिकारियों का कहना है कि जब कम्प्यूटर में इन कोड को डाला जाएगा, तो फिर
चयनित अभ्यर्थियों की सूची निकल जाएगी। चूंकि हाईकोर्ट ने परिणाम पर रोक
लगा दी है इसलिए अभी चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी नहीं की जा सकती।
मालूम हो कि प्रदेश भर में 21 हजार 137 सफाई कर्मियों की भर्ती होनी है।
पिछले कई माह से भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। 27 जून को जिला कलेक्टर की
उपस्थिति में जिला मुख्यालयों पर पारदर्शिता के साथ लाॅटरी के जरिए कोड
निकाले गए।
आरक्षित और सामान्य वर्ग के युवाओं का भी चयनः
27 जून को प्रदेश भर में 21 हजार 137 सफाई कर्मियों के पदों के लिए जो
लाॅटरी निकाली गई उसमें चयनित होने वाले युवाओं में वाल्मीकि समाज
साथ-साथ एससी एसटी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के युवा भी शामिल हैं। इन
युवाओं में ब्राह्मण जाति के भी हैं। असल में बेरोजगारी की स्थिति को
देखते हुए ही सभी वर्गों के युवाओं ने आवेदन किया था, अब देखना होगा कि
जिन वर्गों के युवाओं का चयन सफाई कर्मियों के तौर पर हुआ है वे गंदे
नालों में उतर कर कितनी सफाई करेंगे। अकेले अजमेर में 1 हजार 115 पदों के
लिए 4 हजार 787 आवेदन प्राप्त हुए। इसमें एससी के 433, एसटी 73, ओबीसी
143, एचबीसी 29 तथा सामान्य वर्ग के 209 अभ्यर्थी शामिल हैं।
एस.पी.मित्तल) (27-06-18)
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