जन्म दिन का जश्न या चुनाव की राजनीति। दीपक हासानी के स्नेह भोज पर अजमेर उत्तर क्षेत्र की राजनीति गर्म।
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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य और आगामी चुनाव में अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार दीपक हासानी 2 जुलाई को अपना जन्म दिन धूमधाम से मना रहे हैं। हासानी 2 जुलाई को सायं 7ः30 बजे क्षेत्र के कांग्रेस के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं को भी निमंत्रण दिया है। इस निमंत्रण पत्र से भी राजनीति का माहौल गर्म है। जो कार्यकर्ता जिस जाति का है उसे वैसा ही निमंत्रण पत्र दिया गया है। जैसे हिन्दू कार्यकर्ता के निमंत्रण पत्र के पीछे देवी-देवताओं के चित्र हैं तो मुस्लिम कार्यकर्ताओं के निमंत्रण पत्र के पीछे ख्वाजा साहब की दरगाह आदि के फोटो है। इसी प्रकार ईसाई को चर्च, जैनियों को महावीर स्वामी आदि के निमत्रंण दिए गए हैं। विजीटिंग कार्ड जैसे निमंत्रण पत्र पर हासानी ने अपना फोटो और मोबाइल नम्बर 8003972222 भी अंकित किया है। हासानी की राजनीतिक सक्रियता का असर सबसे ज्यादा इस क्षेत्र के सिंधी समुदाय पर पड़ा है। असल में गत बार से कांग्रेस की ओर गैर सिंधी को उम्मरीदवार बनाया गया तो भाजपा के विजय उम्मीदवार वासुदेव देवनानी ने अपनी जीत का आधार इसे ही बताया, लेकिन गत लोकसभा के उपचुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सिंधी समुदाय को भरोसा दिलाया कि विधानसभा चुनाव में उनकी भावाओं का ख्याल रखा जाएगा। उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पायलट ने दीपक हासानी को प्रदेश कार्य समिति का सदस्य बना कर राजनीतिक संकेत दे दिए हैं। हालांकि हासानी किशनगढ़ में रहते हैं, लेकिन अब उन्होंने कोटड़ा क्षेत्र में ही बंगला बनवा लिया है। उपचुनाव में इसी बंगले को सचिन पायलट ने अपना अस्थाई निवास बनाया था और अब जरुरत पड़ने पर कांग्रेस के सांसद रघु शर्मा बंगले का उपयोग करते हैं। माना जाता है कि उत्तर क्षेत्र सिंधी बहुल्य है, इसलिए सिंधी मतदाता ही हार जीत का फैसला करते हैं। हासानी की सक्रियता से भाजपा में भी खलबली है, क्योंकि सिंधी वोट एक मुश्त नहीं मिलेंगे। जाहं तक भाजपा उम्मीदवार का सवाल है तो वासुदेव देवानी ने चैथी बार भी अपनी दावेदारी जता दी है। देवनानी गत तीन बार से लगातार जीतते आ रहे हैं। यदि कांग्रेस भी किसी सिंधी को ही उम्मीदवार बनाती है तो मुकाबला कड़ा होगा। देवनानी ने गत बार 20 हजार से भी ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 35 मतों की बढ़त मिली थी, लेकिन वहीं भाजपा लोकसभा उपचुाव में 7 हजार मतों से पिछड़ गई। देखना है कि दीपक हासानी अपानी सक्रियता को कैसे आगे बढ़ा कर कांग्रेस का टिकिट हासिल करते हैं। वैसे हासानी की दावेदारी का विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस के ही कुछ नेताओं का कहना है कि हासानी अपने धन बल पर टिकिट हासिल करना चाहते हैं।