उचित मंच पर रख दिया है विवाद-देववनानी।
स्कूली शिक्षा मंत्री देवनानी के साथ साथी मंत्री बाजिया द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर अब सिंधी समुदाय लामबंद। प्रधानमंत्री तक जाएगा मामला। उचित मंच पर रख दिया है विवाद-देववनानी।
30 जून को राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया ने जो दुर्व्यवहार किया। उस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। देवनानी के अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के सिंधी समुदाय ने घटना को लेकर रोष व्याप्त है। सिंधी समाज से जुड़ी अनेक संस्थाओं का मानना है कि दुर्व्यवहार के इस गंभीर प्रकरण में बाजिया के खिलाफ अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। बाजिया के खिलाफ कार्यवाही करवाने के लिए ही सात जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष इस मामले को उठाया जाएगा। प्रधानमंत्री एक दिवसीय दौरे पर 7 जुलाई को जयपुर आ रहे हैं।
उचित मंच पर रखा दिया है विवाद-देवनानीः
सिंधी समाज की प्रतिक्रिया और मामले को प्रधानमंत्री तक ले जाने पर देवनानी ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। 2 जुलाई को देवनानी ने कहा कि 30 जून को मेरे साथ जो दुर्व्यवहार हुआ उसे मैंने पार्टी और सरकार में उचित मंच पर रख दिया है। मैं यह बात दावे के साथ कह सकता हंू कि हाल ही में 43 हजार शिक्षकों और शिक्षा कर्मियों के जो तबादले हुए उसमें पूर्ण ईमानदारी और पारदर्शिता रखी है। यही वजह है कि किसी भी शिक्षक संघ ने तबादलों पर ऐतराज नहीं किया। जहां तक बंशीधर बाजिया का सवाल है तो उनकी सिफारिश पर उनके विधानसभा क्षेत्र में 187 शिक्षकों के तबादले किए गए हैं। मैंने इस बात का ध्यान रखा है कि जरुरतमंद हर शिक्षक को राहत प्रदान की जाए। इतनी बड़ी संख्या में तबादलों के बाद भी जिला स्तर पर परिवेदनाएं मांगी गई है। कैंसर पीड़ित, विधवा, तलाकशुदा आदि शिक्षकों के तबादले मनवीय आधार पर किए जा रहे हैं।
यह है विवादः
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बंशीधर बाजिया ने गत 30 जून को देवनानी से उनके जयपुर स्थित आवास पर मुलाकात की थी। बाजिया का कहना रहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में उनकी सहमति के बिना शिक्षकों के तबादले किए जाते हैं। इसको लेकर ही दोनों मंत्रियों में जोरदार विवाद हो गया। मीडिया में जब बाजिया द्वारा देवनानी को थप्पड़ मारने की खबर चली तो देवनानी ने थप्पड़ की घटना होने से इंकार किया। लेकिन देवनानी आज भी अपने इस बयान पर कायम है कि उन्होंने विवाद को सरकार और संगठन में उचित मंच पर रख दिया है। भले ही देवनानी सिंधी समुदाय के लामबंद होने पर कोई टिप्पणी न करें, लेकिन उन्हीं के शहर में उन्हीं के समाज का लामबंद होना राजनीतिक दृष्टि से बेहद गंभीर है। जब देवनानी यह कह रहे हैं कि उन्होंने विवाद को उचित मंच पर रख दिया है तो फिर उनके गृह नगर में सिंधी समुदाय गुस्सा क्यों जता रहा है? क्या इस मामले में संगठन और सरकार के स्तर पर जो कार्यवाही हुई है उससे देवनानी के समर्थक संतुष्ट नहीं है?
इन संस्थाओं ने जताया नाराजगीः
देवनानी के समर्थन में अजमेर के डिग्गी चौक स्थित होटल नीलम में सिंधी समाज की एक बैठक हुई। इस बैठक में पूज्य सिंधी पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष नानक गजवानी, झूलेलाल मंडल के रामखूबचंदानी, प्रेम प्रकाश आश्रम के तरुण लालवानी, अजय नगर संस्कार कॉलोनी के अशोक मंगलानी, आहात मोहल्ला व्यापारिक संघ के घनश्याम गुबालानी, दरगाह बाजार धानमंडी व्यापारिक संघ के गिरीश लालवानी, अजयमेरु सेवासमिति के अध्यक्ष किशोर विधानी, संत कंवरराम कॉलोनी के संरक्षक गोविंदराम खटवानी, मयूर कॉलोनी के मनोहर मोटवानी, प्लाजा मार्केट के भगवानदास मंशानी, शिक्षक संघ के भगत घनश्याम, कंवडसपुरा पूज्य सिंधी पंचायत के महेश पिंजलानी, संस्कार कॉलोनी के कन्हैयालाल, नानक का बेड़ा सिंधी पंचायत के राजेश झूरानी, रेलवे सिंधु सभा के रमेश लालवानी, अजयनगर सिंधी समाज के आत्मदास उदासी, सिंधी शिक्षा विकास समिति के ललित देवानी, सिंधी संगीत समिति के अध्यक्ष घनश्याम भूरानी, व्यापार प्रकोष्ठ के रमेश चेलानी, चन्द्र मूलचंदानी आदि ने देवनानी के साथ हुए दुर्व्यवहार की घोरनिंदा की। सिंधी समुदाय के प्रतिनिधियों का कहना रहा कि इस मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधर राजे और प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी को ठोस कार्यवाही करनी चाहिए। सिंधी समाज अपने समाज के किसी मंत्री का अपमान सहन नहीं करेगा।