राजस्थान में जब कांस्टेबल परीक्षा दो दिन में हो सकती है तो फिर एलडीसी की परीक्षा एक माह में क्यों?
राजस्थान में जब कांस्टेबल परीक्षा दो दिन में हो सकती है तो फिर एलडीसी की परीक्षा एक माह में क्यों? अंग्रेजी वर्णमाला के शुरुआती अक्षरों वाले अभ्यर्थियों को नुकसान भी।
राजस्थान में कर्मचारी चयन बोर्ड ने 18 जुलाई को सैकंड ग्रेड एलडीसी परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। यह परीक्षा 12 अगस्त से शुरू होकर 19 सितम्बर तक चलेगी। यानि अभ्यर्थियों को एक माह 6 दिन तक परीक्षा देनी होगी। कोई 11 हजार पदों के लिए 14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। बोर्ड के अध्यक्ष बीएल जाटावत का कहना है कि 14 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा एक दो दिन में करवाना संभव नहीं है, इसलिए एक माह में करवाई जा रही है। इससे परीक्षा की गोपनीयता भी बनी रहेगी। सवाल उठता है कि जब 15 लाख अभ्यर्थियों वाली कांस्टेबल परीक्षा मात्र दो दिन में हो सकती है, तब 14 लाख अभ्यर्थियों वाली एलडीसी की परीक्षा क्यों नहीं हो सकती? राजस्थान और केन्द्र में एक ही पार्टी का शासन है। पुलिस महकमा और कर्मचारी चयन बोर्ड भी राज्य सरकार के नियमों के अनुरूप ही काम करते हैं, लेकिन परीक्षा में विरोधाभास है। प्रतीत होता है कि राजस्थान में हर महकमा अपने नजरिए और सहूलियत के साथ काम करता है। राजस्थान पुलिस 15 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा डंडे के जोर पर दो दिन में करवाने में समक्ष थी तो करवा ली, जबकि कर्मचारी चयन बोर्ड स्वयं को पुलिस की तरह समक्ष नहीं मानता है, इसलिए एक माह 6 दिन में परीक्षा करवाई जा रही है। बोर्ड के अध्यक्ष जाटावत को अभ्यर्थियों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। जहां तक सरकार का सवाल है तो ऐसा प्रतीत होता है कि अभ्यर्थियों की परेशानियों पर आंख बंद कर रखी है। सरकार में यह सवाल पूछने वाला कोई नहीं है कि जब कांस्टेबल की परीक्षा दो दिन में हो गई तो फिर एलडीसी की परीक्षा 36 दिनों में क्यों करवाई जा रही है?यह तब हो रहा है जब पांच माह बाद ही राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने है। रोजगार देने पर आखिर सरकार कौन सी उपलब्धियां बताएगी। राजस्थान लोक सेवा आयोग की अधिकांश परीक्षा लम्बित है या फिर अदालतों में अटकी पड़ी है।
लाखों अभ्यर्थियों को नुकसानः
बोर्ड ने एलडीसी परीक्षा का जो परिणाम घोषित किया है उसके अनुरूप अंग्रेजी वर्णमाला के ए से एस अक्षर के नाम वाले अभ्यर्थियों 12 अगस्त, एच से एम वाले 19 अगस्त, एन से आर वाले 9 सितम्बर तथा एस से जेड वाले अभ्यर्थी 16 सितम्बर को परीक्षा देंगे। परीक्षा दो पारियों में प्रातः 8 से 11 तथा दोपहर 2 से 5 बजे के बीच होगी। चारों दिन रविवार है। यानि ए से एस वाले अभ्यर्थी एस से जेड वाले अभ्यर्थियों से एक माह पहले परीक्षा दे देंगे। यह ए से एस वाले अभ्यर्थियों के साथ पूरी तरह अन्याय है। परीक्षा सभी अभ्यर्थियों को समान समय और समान अवसर मिलना चाहिए। एस से जेड अक्षर वाले अभ्यर्थी परीक्षा के प्रश्न पत्रों के ट्रेड का पता कर परीक्षा देंगे। ऐसे में ए से एस वाले अभ्यर्थियों के मुकाबले एस से जेड वाले अभ्यर्थियों को सुविधा होगी।
हाईकोर्ट में चुनौती की तैयारीः
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार की इस भेदभाव पूर्ण नीति के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की जाएगी। बोर्ड और सरकार की इस नीति से प्रदेशभर के अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी है। इस मुद्दे पर मोबाइल नम्बर 8276684273 पर उपेन यादव से सम्पर्क किया जा सकता है।