आरपीएससी के अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने कहा कि भर्ती कलेंडर मेरे लिए गीता की तरह।
आरपीएससी के अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने कहा कि भर्ती कलेंडर मेरे लिए गीता की तरह। पर आरपीएससी में तो भर्ती का कलेंडर ही नहीं है। आरएएस-प्री सबसे बड़ी चुनौती।
23 जुलाई को अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी दीपक उप्रेती ने अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद संभाल लिया। उप्रेती का कहना रहा कि भर्ती कलेंडर उनके लिए गीता की तरह है। उनका प्रयास होगा कि कलेंडर के मुताबिक परीक्षा करवाई जावे। राजस्थान का हर युवा चाहता है कि आरपीएएसी में निर्धारित तिथि पर ही परीक्षा हो। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि वर्ष 2017 और 2018 के लिए परीक्षा का कोई कलेंडर ही जारी नहीं हुआ। असल में पिछले दो सालों में आरपीएससी का ढर्रा पूरी तरह बिगड़ा हुआ है। जो वसुंधरा सरकार आरपीएससी की गड़बड़ियों का मुद्दा उठाकर चुनाव जीती थी उसी सरकार ने पिछले दो वर्षों में आयोग में स्थाई अध्यक्षों की नियुक्तियां ही नहीं की। दो वर्षों में तीन अध्यक्ष सेवानिवृत्त हो कर चले गए। कोई एक वर्ष तक आरपीएससी अध्यक्ष का पद ही खाली पड़ा रहा। आज हालात इतने खराब है कि आरएएस-प्री की परीक्षा 5 अगस्त को होनी है, लेकिन अभी तक प्रश्न पत्र तैयार नहीं हुए हैं। जबकि इस परीक्षा में 5 लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थी बैठेंगे। अब चूंकि दीपक उप्रेती ने अध्यक्ष का पद संभाल लिया है, इसलिए उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती आरएएस-प्री की परीक्षा को करवाने की होगी। जानकारों की माने तो पांच अगस्त को आरएएस प्री की परीक्षा करवाना संभव नहीं है। क्योंकि मात्र 12 दिन में पांच लाख अभ्यर्थियों के प्रश्न पत्र छपवाकर प्रदेशभर के परीक्षा केन्द्रों पर भिजवाना बेहद मुश्किल होगा। हालांकि अभी परीक्षा को स्थगित करने का कोई निर्णय नहीं हुआ है, क्योंकि इस पर नवनियुक्त अध्यक्ष उप्रेती ही कोई निर्णय लेंगे। वैसे उप्रेती को दमदार अध्यक्ष माना जा रहा है।
सरकार ने किया उपकृतः
दीपक उप्रेती को आरपीएससी का अध्यक्ष बनाकर सरकार ने उपकृत किया है। उप्रेती तीस अक्टूबर को आईएएस की सेवा से रिटायर हो रहे हैं। यदि उप्रेती को अध्यक्ष नहीं बनाया जाता तो उप्रेती तीस अक्टूबर को अपने घर चले जाते। लेकिन आरपीएससी का अध्यक्ष बन जाने से अब वे 62 वर्ष की उम्र तक काम करते रहंेगे। आरपीएससी में सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है।