आईएएस निर्मला मीणा के दो करोड़ के घोटाले की आंच राजस्थान राजस्व मंडल तक आएगी।

आईएएस निर्मला मीणा के दो करोड़ के घोटाले की आंच राजस्थान राजस्व मंडल तक आएगी। पटवारी भर्ती परीक्षा के समय उमराव सलोदिया और चन्द्रमोहन मीणा थे मंडल के अध्यक्ष।
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8 करोड़ रुपए के गेहंू घोटाले में जमानत पर जेल से बाहर आते ही आईएएस निर्मला मीणा को एक बार फिर जोधपुर स्थित एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। एसीबी अब राजस्थान में पटवारी भर्ती परीक्षा 2013 में हुए दो करोड़ रुपए के घोटाले में निर्मला से पूछताछ कर रही है। इस घोटाले की जांच अजमेर स्थित राजस्थान राजस्व मंडल के मुख्यालय तक आ सकती है। मंडल ने तीन हजार पटवारी पद के लिए वर्ष 2013 में परीक्षा आयोजित की थी। तब कोई दस लाख अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में भाग लिया। इतने अधिक परीक्षार्थियों को देखते हुए मंडल ने परीक्षा की जिम्मेदारी जोधपुर स्थित सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी को दी। उस समय राजस्व मंडल के अध्यक्ष के पद पर मुख्य सचिव स्तर के आईएएस उमराव सालोदिया विराजमान थे, जबकि पुलिस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के पद पर निर्मला मीणा बैठी थी। सलोदिया के दिशा-निर्देश पर ही मंडल के डिप्टी हेमंत कुमार माथुर ने यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन किया। इस एमओयू में परीक्षा के सम्पूर्ण कार्य और भुगतान के बारे में उल्लेख था। चूंकि मामला परीक्षा से जुड़ा था, इसलिए एमओयू को  गुप्त रखा गया। लेकिन अब एसीबी के अधिकारियों को इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि राजस्व मंडल से परीक्षा के लिए जो 10 करोड़ 69 लाख रुपए की राशि यूनिवर्सिटी को मिली, उसमें से दो करोड़ रुपए की राशि जोधपुर स्थित संगीत नाटक अकादमी के खाते में जमा हो गई। असल में परीक्षा के अंतिम दिनों में निर्मला मीणा का तबादला पुलिस यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार के पद से अकादमी के सचिव के पद पर हो गया। जांच में पता चला कि निर्माला मीणा ने जोधपुर की एसबीआई शाखा में अकादमी का खाता खुलवा कर दो करोड़ रुपए की राशि जमा करवा दी और फिर धीरे धीरे इस राशि को निकलवा लिया। जांच का महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि जब राजस्व मंडल से प्राप्त होने वाला ड्राफ्ट यूनिवर्सिटी के नाम पर था तो फिर राजस्व मंडल की राशि संगीत नाटक अकादमी के खाते में कैसे आ गई? यह माना कि किसी भी परीक्षा का कार्य गोपनीय होता है। यहां तक कि प्रिंटिंग प्रेस के नाम का भी पता नहीं चलता है। पूछताछ के दौरान यह बात भी सामने आई है कि कई बार ड्राफ्ट लेने के लिए निर्मला मीणा स्वयं ही राजस्व मंडल में आ गईं। यानि करोड़ों की राशि वाला ड्राफ्ट मीणा ने स्वयं ही ग्रहण किया। यह भी एक संयोग रहा कि पटवारी परीक्षा की शुरुआत उपराव सालोदिया ने की और समापन चन्द्र मोहन मीणा ने। परीक्षा के दौरान ये दोनों आईएएस ही राजस्व मंडल के अध्यक्ष थे। जानकारों की माने एसीबी की एक टीम शीघ्र अजमेर आकर राजस्व मंडल के तबके अधिकारियों एवं कर्मचारियों से पूछताछ करेगी। अभी यह पता नहीं कि सेवानिवृत्त हो चुके सालोदिया और मीणा से पूछताछ होगी या नहीं यह उल्लेखनीय है कि उमराव सालोदिया सचिव नहीं बनाए जाने पर मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया था। सालोदिया पर जमीन घोटाले का कथित आरोप भी है।
परीक्षा कार्य के भुगतान में भी गड़बड़ीः
सूत्रों के अनुसार एसीबी निर्मला मीणा के दो करोड़ के घोटाले की ही जांच नहीं कर रही बल्कि पटवार परीक्षा के कार्य के भुगतान की भी जांच कर रही है। आरोप है कि संबंधित फर्मों को निर्धारित राशि से ज्यादा का भुगतान किया गया। इस मामले में भी निर्मला मीणा की खास भूमिका बताई जा रही है।
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