अजमेर के सेंट एसंलम स्कूल के शिक्षकों को सरकार के सातवें वेतन आयोग के अनुरूप मिलेगा वेतन। शिक्षक को एक लाख रुपए तक वेतन देने वाला पहला प्राइवेट स्कूल।
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अधिकांश निजी स्कूलों के शिक्षकों को शिकायत रहते हैं कि जितने वेतन पर हस्ताक्षर करवाए जाते हैं उतना दिया नहीं जाता। कुछ स्कूल मालिक तो वेतन के चेक तभी देते हैं, जब निर्धारित राशि नकद में वापस की जाती है। शिक्षा के ऐसे माहौल में अजमेर के सुप्रसिद्ध सेंट एसंलम सीनियर हायर सैकंडरी स्कूल के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को अब सरकार के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन मिलना शुरू हो गया है। यह सिफारिश गत 1 जुलाई से लागू हो गई, इसलिए एक अगस्त को जब स्कूल के शिक्षकों को वेतन मिला तो उनके चेहरे पर खुशी और आनंद का भाव देखा गया। सभी शिक्षकों के वेतन में पांच हजार से लेकर बीस हजार रुपए प्रति माह तक की वृद्धि हुई है। अब स्कूल के प्राचार्य फादर सुसई मणिक्कम को जहां एक लाख रुपए से भी ज्यादा का वेतन प्रतिमाह मिलेगा, वहीं वरिष्ठतम शिक्षक को 97 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में भी पांच हजार रुपए से भी ज्यादा की वृद्धि हुई है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने में स्कूल के प्राचार्य फादर मणिक्कम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। संभवतः अजमेर जिले में एंसलम स्कूल पहला होगा जहां सरकार की सिफारिशों के अनुरूप वेतन मिल रहा है। सरकार के भी ऐसे कई विभाग हैं जहां सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है। अजमेर में कई मिशनरीज स्कूल हैं। लेकिन वहां भी अभी वेतनमानों में वृद्धि नहीं हुई है। सेंट एंसलम स्कूल में तीन हजार से भी ज्यादा विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। हालांकि सिफारिशों को लागू करने से पहले स्कूल की फीस वृद्धि भी की गई, लेकिन वेतन में वृद्धि के मुकाबले में फीस वृद्धि कम थी। फादर मणिक्कम का मानना है कि इससे स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता में और वृद्धि होगी। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए मोबाइल नम्बर 9414006022 पर फादर मणिक्कम को शुभकामनाएं दी जा सकती है।