ब्लाॅग पढ़ने के लिए फेसबुक पेज लाइक करें। वाट्सएप पर हो रही है तकनीकी गड़बड़ी।
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केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिख कर दिया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेट फार्म की निगरानी हब बनाने का इरादा नहीं है, पर सब जानते हैं कि किसी भी सरकार के हाथ लम्बे होते हैं। शासद यही वजह है कि इन दिनों सोशल मीडिया के सबसे महत्वपूर्ण और असरकारक प्लेट फार्म वाट्सएप में तकनीकी गड़बड़ी हो रही है, जिसकी वजह से पाठकों तक मेरे ब्लाॅग भी पहुंचने में परेशानी हो रही है। पता नहीं वाट्सएप हिन्दुस्तान में क्या निर्णय कब ले ले। इसलिए मेरा पाठकों से विनम्र निवेदन हैं कि मेरे ब्लाॅग के लिए मेरे फेसबुक पेज ूूूण्ंिबमइववाण्बवउध्ेचउपजजंसइसवह को लाइक करें। हालांकि मेरे ब्लाॅग वेबसाइट, ब्लाॅग स्पाॅट, एप आदि पर भी उपलब्ध हैं, लेकिन पाठकों को फेसबुक पेज पर ज्यादा सुविधा रहेगी। मैं मानता हंू कि वाट्सएप के माध्यम से ब्लाॅग आसानी से पहुंच रहे हैं। लेकिन गड़बड़ी की आशंका को ध्यान में रखते हुए पाठकों तक ब्लाॅग पहुंचाने के विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं। मेरा यह भी आग्रह है कि व्यक्तिगत स्तर पर ब्लाॅग मिल जाने के बाद संबंधित पाठक अपने वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट भी कर लें। चूंकि मुझे अधिकांश वाट्सएप ग्रुप के एडमिन ने जोड़ रखा है। इसलिए गड़बड़ी के बाद भी किसी को किसी ग्रुप में ब्लाॅग मिल ही जाएंगे, जिन ग्रुप में नहीं मिले, उनके सदस्य दूसरी जगह से लेकर अपने ग्रुप में पोस्ट कर लें। सब जानते हैं कि मैं ताजा घटनाक्रम पर ब्लाॅग लिखता हंू। हो सकता है कि किसी राजनीतिक विचारधारा वाले व्यक्ति को मेरा ब्लाॅग पसंद न आए, लेकिन मैं कभी समाज में द्वेषता फैलाने वाला ब्लाॅग नहीं लिखता। न ही मैं धर्म विशेष पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी करता हंू। मेरा हमेशा प्रयास होता है कि राष्ट्र को सर्वोपरि मान कर लिखूं। यही वजह है कि लाखों पाठकों को रोजाना शाम को मेरे ब्लाॅगों का इंतजार रहता है। मैं ऐसे सभी पाठकों का आभारी हंू और उम्मीद करता हंू कि मेरे और मेरे लेखन के प्रति भविष्य में ऐसा ही भाव बना रहे। हालांकि मेरा फेसबुक पेज अभी 20 हजार से भी ज्यादा लोगों तक पहुंच रहा है और मेरे ब्लाॅग स्पाॅट पर एक लाख से ज्यादा पाठक हैं। इसके अतिरिक्त वेबसाइट आदि के माध्यम से भी मेरे ब्लाॅग लोगों तक पहुंच रहे हैं।