बबीता च ौहान को अभी तक भी सभापति के पद से नहीं हटाया।

बबीता च ौहान को अभी तक भी सभापति के पद से नहीं हटाया।
आखिर किसका संरक्षण है।

अजमेर जिले की ब्यावर नगर परिषद की सभापति श्रीमती बतीता च ौहान को सवा दो लाख रुपए की रिश्वत लेते गत 8 अगस्त को गिरफ्तार किया था। बबीता और उनके पति नरेन्द्र च ौहान, जीजा शिव प्रसाद इस समय अजमेर की सेंट्रल जेल में बंद है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा चलाने की अनुमति भी दे दी है, इतना ही नहीं भाजपा ने बबीता को प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी बबीता अभी तक भी ब्यावर नगर परिषद की सभापति बनी हुई है। इसलिए यह सवाल उठा है कि आखिर बबीता को किसका संरक्षण है? नियमों के मुताबिक 48 घंटे जेल में रहने के बाद किसी भी सरकारी पद पर रहने वाले व्यक्ति को निलंबित कर दिया जाता है, लेकिन बबीता च ौहान के मामले में इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। सवाल उठता है कि जब भाजपा ने आरोपी मानते हुए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया तो फिर भाजपा की ही सरकार सभापति के पद से बबीता को क्यों नहीं हटा रही।
कांग्रेस ने किया प्रदर्शनः
बबीता को सभापति के पद से हटाए जाने की मांग को लेकर 13 अगस्त को ब्यावर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद एसडीएम सुरेश च ौधरी को दिए ज्ञापन में मांग की गई की सभापति का निलंबन तत्काल किया जाए, वहीं नगर परिषद के आयुक्त सुखराम खोखर ने बताया कि एसीबी की कार्यवाही के तुरंत बाद ही राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी थी। निलंबन का निर्णय सरकार को ही लेना है।

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