भरतपुर संभाग में मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा स्थगित।
गुर्जर नेताओं ने दी थी धमकी। अब 24 अगस्त से जोधपुर संभाग में।
=====
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं की धमकी को देखते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी गौरव यात्रा को भरतपुर संभाग में स्थगित कर दिया है। नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भरतपुर संभाग में सीएम राजे यात्रा कब निकालेंगी इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी गई है। 18 अगस्त को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने जयपुर में प्रेस काॅन्फ्रंेस कर बताया कि अब सीएम की गौरव यात्रा 24 अगस्त से जोधपुर संभाग में होगी। सैनी ने स्वीकार किया कि भरतपुर संभाग की यात्रा के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। सैनी ने यह नहीं बताया कि भरतपुर संभाग में गौरव यात्रा को क्यों स्थति किया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और वरिष्ठ सदस्य हिम्मत सिंह गुर्जर ने जो धमकी दी थी उसकी वजह से सरकार को अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी है। भरतपुर में गौरव यात्रा 16 अगस्त से ही शुरू होनी थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की वजह से यात्रा की शुरुआत नहीं हो सकी। हालांकि इससे पहले ही गुर्जर नेताओं ने साफ कह दिया था कि 5 प्रतिशत विशेष आरक्षण का विधिवत फैसला नहीं लिया गया तो गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में मुख्यमंत्री और उनकी गौरव यात्रा को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। अधिकांश गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र भरतपुर संभाग में ही है। इसलिए यात्रा को स्थगित कर दिया गया। असल में सीएम राजे नहीं चाहती हैं कि चुनाव से पहले गुर्जर समुदाय से सीधा टकराव हो। सरकार ने अभी तक भी पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण देने के लिए विधि संवत फैसला नहीं किया है। सीएम की यात्रा भरतपुर संभाग में स्थगित होना राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री अपने ही राज्य में सरकार की उपलब्धियां नहीं बता सकती? जब एक तरफ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में हर वर्ग के लिए कार्य किए हैं। लेकिन वहीं एक समुदाय की धमकी के मद्देनजर पूरे संभाग में मुख्यमंत्री की यात्रा को स्थगित कर दिया जाता है।
राजपूत और रावणा राजपूत समाज पहले ही नाराजः
आनंद पाल प्रकरण, पद्मावती फिल्म आदि को लेकर राजपूत और रावणा राजपूत समाज पहले ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराज चल रहा है। अभी तक भी इस नाराजगी को दूर करने के कोई ठोस प्रयास नहीं हुए हैं। दोनों ही समाजों की प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हाल ही में एक बयान जारी कर राजस्थान में विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध करने की घोषणा की है। आरोप है कि आनंद पाल और पद्मावती फिल्म के विवाद को लेकर समाज के युवाओं पर से अभी तक भी मुकदमे वापस नहीं लिए हैं।