शिलान्यास के 42 दिन बाद भी अजमेर के ऐलीवेटेड रोड का डिजाइन अप्रूव नहीं। जबकि शिलान्यास खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
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जिन प्रोजेक्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से करवाया जाता है। उनको लेकर भी राजस्थान सरकार कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा अजमेर में बनने वाले ऐलीवेटेड रोड से लगाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने गत 8 जुलाई को जयपुर में जिन 1100 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया उसमें 220 करोड़ की लागत से बनने वाला ऐलीवेटेड रोड भी शामिल है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि 42 दिन गुजर जाने के बाद भी रोड का डिजाइन अप्रूव नहीं हुआ है। ठेकेदार से अनुबंध के मुताबिक रोड के डिजाइन को दिल्ली, मुम्बई व चेन्नई स्थित किसी एक आईआईटी संस्था से अप्रूव करवाना होगा। प्रोजेक्ट की क्रियान्विति में लगे इंजीनियरों का कहना है कि अभी आईआईटी संस्थान का ही चयन नहीं हुआ है। यानि 42 दिन पहले जो स्थिति थी वो आज भी है। जहां तक वर्क आॅर्डर का सवाल है तो संबंधित एजेंसी स्टेट रोड काॅरपोरेशन ने ठेकेदार को पहले ही दे दिया है। ठेकेदार को भी डिजाइन फाइनल होने का इंतजार है। सरकार के किसी अधिकारी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि आखिर आईआईटी के चयन में इतना विलंब क्यों हो रहा है? और यदि तैयारी ही नहीं थी तो फिर प्रधानमंत्री से शिलान्यास क्यों करवाया गया। अब सरकार ने पुरानी आरपीएससी के सामने शिलान्यास वाला बोर्ड तो लगा दिया है, लेकिन हालात जुलाई वाले ही हैं। जब प्रधानमंत्री के शिलान्यास वाले कार्य का यह हाल तो अन्यों के कार्यों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री का है सपनाः
अजमेर के व्यस्तम स्टेशन रोड पर बनने वाला ऐलीवेटेड रोड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्मार्ट सिटी योजना में बनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक नगरी अजेमर को स्मार्ट बनाने का सपना प्रधानमंत्री का ही है, इसलिए सबसे पहले जिन तीन शहरों को स्मार्ट बनाने की घोषणा की, उसमें अजमेर भी शामिल किया गया। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए 8 जुलाई को जयपुर में ऐलीवेटेड रोड का शिलान्यास तो करवा लिया, अब कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। अभी तक सरा कार्य कागजों और कम्प्यूटर पर है। सब जानते हैं कि जब मौके पर शुरू होता है तो अनेक समस्याएं सामने आती है। चूंकि स्टेशन रोड का सबसे व्यस्त मार्ग है और इस सकड़े मार्ग के दोनों और दुकानें बनी हुई है, इसलिए कार्य शुरू होने पर अनेक समस्याएं खड़ी हो सकती है। अभी ऐसी समस्याओं का भी सामना करना है। जब बीच सड़क में 100 फीट गहरे और दो मीटर वर्गाकार के खड्डे होंगे, तब यातायात में भी भारी परेशानी होगी। अच्छा हो कि राज्य सरकार इसे मामले में गंभीरता दिखाए।
ऐसे बनेगा ऐलीवेटेड रोडः
सरकार ने ऐलीवेटेड रोड का जो प्रोजेक्ट बनाया है उसके अनुसार गांधी भवन चैराहे से मार्टिंडल ब्रिज तक ऐलीवेटेड फोर लेन का होगा, जबकि गांधी भवन चैराहे से पीआर मार्ग होते हुए महावीर सर्किल तक तथा कचहरी रोड होते हुए पुरानी आरपीएससी तक दो लेन का रोड बनाया जाएगा। इंजीनियरों का कहना है कि इन सभी मार्गों पर किसी भी दुकान को नहीं हटाया जाएगा।