तो अब भाजपा के पास अटल जी की अस्थियां भी हैं।
by
Sp mittal
·
August 22, 2018
तो अब भाजपा के पास अटल जी की अस्थियां भी हैं।
100 नदियों और 22 राज्यों में विसर्जित की जाएंगी।
जिला स्तर पर सभाएं भी होंगी।
====
नवम्बर में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के पास नरेन्द्र मोदी के चेहरे के साथ-साथ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां भी होंगी। हालांकि वाजपेयी पिछले दस वर्षों से सक्रिय राजनीति से हट गए थे और खराब स्वास्थ्य की वजह से उनका चेहरा भी किसी को नहीं दिखाया गया, लेकिन अब उनके निधन पर भाजपा ने प्रचार-प्रसार का एक बड़ा अभियान चलाया है। दिल्ली और प्रमुख राज्यों की राजधानियों में सर्वदलीय शोक सभा की जा रही है। इनमें भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस, सपा, बसपा, कम्युनिस्ट आदि पार्टियों के नेता भी अटल जी की प्रशंसा कर रहे हैं। हालांकि वाजपेयी का व्यक्तित्व अपने आप में बड़ा था इसलिए विपक्षी दलों के नेता भी आज प्रशंसा कर रहे हैं। भाजपा के लिए राजनीतिक दृष्टि से ये बात मायने रखती है कि उसके पास अटल जी के तौर पर एक ऐसी विरासत आ गई है, जिसकी प्रशंसा विपक्षी दल भी करते हैं। यही वजह है कि अब पूरे प्रदेश में सहानुभूति के माहौल को भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ तक अटल जी के अस्थि कलश लेकर चल रहे हैं। भाजपा की ओर से घोषणा की गई है कि 22 राज्यों और 100 नदियों में अटल जी की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी। जिन राज्यों में भाजपा और उनके गठबंधन की सरकार है, उनमें मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और बड़े नेता उपस्थित रहेंगे। 22 अगस्त को दिल्ली में भाजपा के मुख्यालय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आदि ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को अटल जी के अस्थि कलश सौंपे। अटल जी के इन अस्थि कलशों का कितना महत्व है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 22 अगस्त को जब राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी अस्थि कलश लेकर सांगानेर एयरपोर्ट पहुंचे तो प्रदेश की सीएम वसुंधरा राजे, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री चन्द्रशेखर आदि मौजूद थे। बाद में एयरपोर्ट से ही भाजपा मुख्यालय तक अस्थि कलशों को एक जुलूस के रूप में ले जाया गया। अस्थि कलश के इस रथ पर राजे, सैनी आदि सभी नेता सवार थे। अब एक कलश को 23 अगस्त को हिन्दुओं के तीर्थ स्थल पुष्कर के सरोवर में तथा दूसरे को कोटा से गुजर रही चंबल नदी में विसर्जित किया जाएगा। जिला स्तर पर कलश यात्राएं और सर्वदलीय शोक सभा भी की जाएगी। भाजपा शासित राज्यों में सरकारी अस्पतालों संस्थानों के नाम भी अटल जी के नाम पर रखे जाएंगे। इसकी शुरुआत छत्तसीगढ़ के सीएम रमन सिंह ने कर भी दी है। छत्तसीगढ़ की राजधानी रायपुर का नाम अब अटल नगर होगा, हमारे देश में अटल जी जैसे राजनेताओं के नाम पर सरकारी संस्थानों के नाम रखने की परंपरा आजादी के बाद से ही चल रही है। अब जब विपक्षी दलों के नेता भी अटल जी की प्रतिभा के कायल है। तो फिर विरोध की गुंजाइश भी नहीं है। भाजपा गर्व के साथ कह सकती है कि उसके पास अटल जी जैसा महापुरुष भी है। अब देखना है कि अटल जी की विरासत का कितना लाभ भाजपा को चार राज्यों के विधानसभा और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा के चुनाव में मिलता है।