अजमेर में पानी के मुद्दे पर भाजपा को चिढ़ाने वाले होर्डिंग्स नगर निगम ने हटाए।
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अजमेर में 4-5 दिन में एक बार हो रही पेयजल की सप्लाई को लेकर 6 सितम्बर को शहर के प्रमुख चैराहों पर जो होर्डिंग्स लगाए गए थे उन्हें नगर निगम के अतिक्रमण हटाओं दस्ते ने 7 सितम्बर को चैराहों से उखाड़ दिया। अब ऐसे होर्डिंग्स निगम के कबाड़ में पड़े हैं। निगम के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि यातायात में बाधक बने होर्डिंग को सामान्य प्रक्रिया के तहत हटाया गया है। हटाए गए होर्डिंग्स में कारोबारियों के होर्डिंग्स भी शामिल है। जानकार सूत्रों के अनुसार भाजपा के बडे़ नेताओं और प्रशासन के उच्चाधिकारियों को होर्डिंग्स लगने की जानकारी 6 सितम्बर के मेरे ब्लाॅग से लगी। हालांकि होर्डिंग्स में कांग्रेस अथवा भाजपा के किसी विरोधी के नाम का उल्लेख नहीं था, लेकिन इस समय नगर निगम से लेकर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार तक भाजपा का शासन है इसलिए अजमेर की पेयजल किल्लत को भाजपा ने अपने खिलाफ माना। बीसलपुर बांध से अजमेर के मुकाबले जयपुर को अधिक पानी देने पर अजमेर के नागरिकों में सरकार के प्रति गुस्सा है। अजमेर के लोग बीसलपुर बांध पर पहला हक अपना मानते हैं। यदि बीसलपुर बांध से पानी लेकर जयपुर को 36 घंटे में और अजमेर को 96 घंटे में एक बार पेयजल की सप्लाई की जाएगी तो अजमेर में भाजपा के खिलाफ नाराजगी तो होगी ही। लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि 96 घंटे में सप्लाई होने के बाद भी भाजपा का कोई नेता विरोध नहीं कर रहा है। चुनाव के मौके पर अजमेर के हक वाले होर्डिंग्स माहौल को और बिगाड़ रहे थे। इसलिए प्रशासन ने होर्डिंग्स को हटवा दिया।