चुनाव से पहले पुष्कर में रावत राजनीति में उबाल।

चुनाव से पहले पुष्कर में रावत राजनीति में उबाल। संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत भी उलझे। मारपीट के बाद पुलिस में मुकदमे दर्ज।
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रावत बहुल्य माने जाने वाले अजमेर जिले के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों रावत राजनीति में उबाल है। 9 सितम्बर को पुष्कर में रावत धर्मशाला मंे हुए प्रतिभा सम्मान समारोह में इतने हालात बिगड़े कि पुलिस को बुलाना पड़ा। अब क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत के समर्थकों तथा राजस्थान रावत महासभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ.शैतान सिंह रावत की ओर से पुलिस में मारपीट के नामजद मुकदमे दर्ज करवा दिए हैं। पुष्कर स्थित कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत और रावत समुदाय में दखल रखने वाले सेवानंद गिरी का कहना है कि विधायक सुरेश रावत लगातार अपना जनाधार खोते जा रहे हैं। पिछले दिनों मैंने एक कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डाॅ. किरोडीलाल मीणा को बुलाया था, तभी से विधायक रावत नाराज चल रहे हैं। 9 सितम्बर को भी रावत प्रतिभा सम्मान समारोह में मेरी उपस्थिति पर सुरेश रावत के समर्थकों ने एतराज जताया। जबकि इस समारोह में मुझे महासभा के अध्यक्ष डाॅ. शैतान सिंह ने सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया था। महंत सेवानंद गिरी ने आरोप लगाया कि समारोह में हंगामा करने वालों में विधायक के भाई और कांग्रेस सेवादल के प्रदेश संघठक कुंदन सिंह रावत के समर्थक भी शामिल थे। दिखाने को कुंदन सिंह रावत स्वयं को कांग्रेसी बताते हैं, लेकिन दोनों भाई एक ही हैं। कुंदन सिंह ने जो रावत सेना बनाई, वह भी विधायक सुरेश रावत के ही काम आती है। उन्होंने कहा कि सुरेश रावत का विरोध अब रावत समाज में ही नहीं बल्कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है। इसलिए उनके समर्थक बौखलाए हुए हैं। वहीं रावत महासभा के अध्यक्ष डाॅ. शैतान सिंह रावत का कहना है कि सम्मान समारोह गैर राजनीतिक था इसलिए रावत समाज के किसी भी जनप्रतिनिधि को नहीं बुलाया गया था। यह बात विधायक सुरेश रावत को भी पता थी, लेकिन फिर भी समारोह में हंगामा करवाया। समाज के लोगों को सब पता है कि इसके पीछे कौन है। समय आने पर सबक सिखा दिया जाएगा। समाज के किसी भी जनप्रतिनिधि को घमंड नहीं करना चाहिए। समाज ऐसे जनप्रतिनिधियों का घमंड चूर भी कर देता है।
मेरा कोई सरोकार नहीं रावतः
वहीं भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत का कहना है कि रावत समाज के सम्मान समारोह में हुए हंगामे से मेरा कोई सरोकार नहीं है। कुछ लोग मेरा नाम घसीट कर मेरी छवि खराब कर रहे हैं। मुझे तो हंगामे के बाद जानकारी मिली। विधायक ने आरोप लगाया कि डाॅ. शैतान सिंह रावत महासभा का कांग्रेसीकरण कर रहे हैं। महंत सेवानंद गिरी के आरोप भी गलत हैं। वहीं विधायक के भाई और कांग्रेस सेवा दल के संघटक कुंदनसिंह रावत का भी कहना  रहा कि पुष्कर के समारोह में हुए हंगामे में मेरी कोई भूमिका नहीं है। उनकी रावत सेना तो समाज के उत्थान के लिए कार्य करती है। मैं अपने दम पर कांग्रेस में राजनीति करता हंू।
विधायक आदि को बुलाना चाहिए था-रावतः
जिला परिषद के सदस्य मदन सिंह रावत का कहना रहा कि पुष्कर के सम्मान समारोह में विधायक सुरेश सिंह रावत, पीसांगन के प्रधान अशोक रावत, पूर्व सांसद रासासिंह रावत आदि रावत जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सेवानंद गिरी अब साधु बन गए हैं, इसलिए रावत समाज से उनका कोई संबंध नहीं है।
एस.पी.मित्तल) (10-09-18)
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