नसीराबाद में अवैध रूप से चल रहा था काॅन्वेंट स्कूल का छात्रावास। बासी भोजन खाने से 75 छात्र बीमार।
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अजमेर जिले के नसीराबाद कस्बे के जिस द काॅन्वेंट स्कूल के 75 छात्र 15 सितम्बर की रात को बासी भोजन खाने से बीमार हुए उस स्कूल का छात्रावास अवैध तौर पर नसीराबाद की गुर्जर धर्मशाला में चल रहा था। यह चैंकाने वाला तथ्य 16 सितम्बर को हुई जांच पड़ताल में सामने आया है। 15 सितम्बर की देर रात तक छावनी बोर्ड के सिविल एरिया कमेटी की चेयरमैन योगेश सोनी सक्रिय रहे। सूचना मिलने पर सोनी ही सबसे पहले राजकीय अस्पताल पहुंचे ताकि बीमार बच्चों का इलाज करवाया जा सके। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर आरती डोगरा भी रात को ही अस्पताल पहुंच गई थी। कलेक्टर ने देर रात को ही सोनी के साथ गुर्जर धर्मशाला में अवैध रूप से चल रहे काॅन्वेंट स्कूल के छात्रावास का जायजा लिया। कलेक्टर के साथ आए अधिकारियों ने भी देखा कि छात्रावास की रसोई घर में फफूंद लगी रोटियां और बदबूदार दाल पड़ी थी। छात्रों ने इसी बासी भोजन को खाया और बीमार हो गए। छात्रों को उल्टी होने पर तत्काल नसीराबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हालांकि 16 सितम्बर को सभी छात्रों को छुट्टी दे दी गई। जांच में यह बात भी सामने आई है कि गुर्जर धर्मशाला में यह छात्रावास पूरी तरह गैर कानूनी तरीके से संचालित हो रहा था। कमेटी के अध्यक्ष सोनी ने कहा कि इस संबंध में स्कूल के संचालकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उधर शिक्षा विभाग के अधिकारी द काॅन्वेंट स्कूल की मान्यता की जांच पड़ताल भी कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जयराम सिंह रावत नामक व्यक्ति धर्मशाला में ही स्कूल और छात्रावास का संचालन कर रहा था। धर्मशाला के जिस बड़े हाॅल में बच्चों को रखा गया उसमें पलंग भी नहीं थे। बच्चों को फर्श पर ही सोने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यह भी जांच का विषय है कि समाज की एक धर्मशाला में स्कूल और छात्रावास का संचालन किस प्रकार से हो रहा है। सूत्रोें की माने तो रावत नसीराबाद और आसपास के परिवारों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दिलवाता है। फिलहाल इस स्कूल को आठवीं कक्षा तक मान्यता मिलना बताया जा रहा है। एक छात्र से 20 हजार रुपए तक सालाना फीस ली जाती है। सोनी ने कहा कि सभी तथ्यों की जांच की जाकर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल सभी बीमार बच्चों का स्वास्थ्य ठीक है। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. केके सोनी ने बताया कि एक साथ 75 बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिलते ही स्वास्थ विभाग की पूरी टीम अस्पताल पहुंच गई थी। वे स्वयं भी देर रात तक नसीराबाद में उपस्थित रहे।