मसूदा की सीएम तो सुशील कंवर पलाड़ा ही हैं।
उद्घाटन और शिलान्यास पलाड़ा दम्पत्ति ही करते हैं।
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16 सितम्बर को भी अजमेर के मसूदा विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा और उनके समाजसेवी पति भंवर सिंह पलाड़ा ने मसूदा में राजकीय महाविद्यालय भवन का शिलान्यास किया। 6 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि से बनने वाले भवन के शिलान्यास के अवसर पर न तो कोई मंत्री था और न ही कोई बड़ा प्रशासनिक अधिकारी। लेकिन समारोह में भीड़ जबर्दस्त थी। मसूदा में काॅलेज स्वीकृत करवाने और भवन निर्माण का कार्य शुरू करने के लिए लोगों ने पलाड़ा दम्पत्ति का आभार जताया। पिछले दो तीन माह से पलाड़ा दम्पत्ति रोजाना इसी तरह उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं। आमतौर पर विधायक अपने क्षेत्र के ऐसे कार्यक्रमों में संबंधित विभाग के मंत्रियों को बुलाते हैं। काॅलेज जैसे भवन शिलान्यास में तो मुख्यमंत्री तक को बुलाया जाता है, लेकिन पलाड़ा दम्पत्ति तो अपने दम पर ही ऐसे कार्यक्रम सम्पन्न करवा लेते हैं। 16 सितम्बर के कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी को बुलाया जा सकता था। लेकिन शिलान्यास की रस्म पलाड़ा दम्पत्ति ने ही कर ली। मसूदा के लोगों को खासकर ग्रामीणों को मुख्यमंत्री जैसों की कमी का अहसास न हो, इसके लिए पलाड़ा दम्पत्ति कई बार हेलीकाॅप्टर से समारोह में पहुंचते हैं। पिछले पांच वर्षों में पलाड़ा दम्पत्ति की पहचान धर्मप्रेमी के तौर पर भी बनी है। यही वजह है कि 15 सितम्बर को देवमाली में भगवान देवनारायण मंदिर तक पद यात्रा भी की। इस पदयात्रा में पलाड़ा के साथ हजारों ग्रामीण मौजूद थे। मंदिरों और धार्मिक स्थलों के विकास में पलाड़ा दम्पत्ति हमेशा तत्पर रहते हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि श्रीमती पलाड़ा को दोबारा से टिकिट मिलेगा, लेकिन पलाड़ा यह मान कर चल रहे हैं कि नवम्बर में उन्हें ही भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना है। यही वजह है कि पति भंवर सिंह पलाड़ा के साथ-साथ बेटा शिवराज सिंह पलाड़ा भी रात दिन सक्रिय हैं। हालांकि पांच वर्ष पहले पलाड़ा दम्पत्ति के लिए मसूदा नया विधानसभा क्षेत्र था। लेकिन अब पलाड़ा दम्पत्ति ने मसूदा में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। मसूदा में प्रभाव रखने वाले अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी से पलाड़ा के मित्रतापूर्ण संबंध हैं। श्रीमती पलाड़ा अपने विधायक पद का वेतन भी गरीबों में बांट देती है। इतना ही नहीं शिविर आयोजित कर आटा, दाल, कम्बल आदि सामग्री भी निःशुल्क बांटी जाती है। पलाड़ा दम्पत्ति ने पूरे पांच वर्ष मसूदा के लोगों से सम्पर्क बनाए रखा है।