अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी का भाजपा से मोह भंग हो रहा है?
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Sp mittal
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September 29, 2018
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी का भाजपा से मोह भंग हो रहा है? आम सभा में नहीं बुलाया भाजपा नेताओं को।
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29 सितम्बर को अजमेर डेयरी की आम सभा श्रीराम धर्मशाला में हुई। इसमें ंिजले भर की 600 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसी सभा में डेयरी का 700 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट भी स्वीकृत किया गया। डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी ने बताया कि दुग्ध उत्पादकों को इन दिनों कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घी पर भी जीएसटी लग जाने से सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली डेयरियों को घाटा हो रहा है। हजारों किलो घी बेकार पड़ा है। च ौधरी ने जिस तरह से दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को रखा, उससे प्रतीत हो रहा था कि अब सत्तारूढ़ भाजपा से उनका मोह भंग हो गया है। लम्बे अर्से बाद डेयरी की आमसभा में किसी भाजपा नेता को नहीं बुलाया। अब तक अजमेर के भाजपा विधायकों को बुलाकार स्वागत किया जाता रहा है। मंत्रियों को बुला कर साफा आदि पहनाया जाता था। लेकिन इस बार डेयरी की सभा में च ौधरी स्वयं ही सर्वेसर्वा बने रहे। असल में भाजपा के पांच वर्ष के शासन में च ौधरी को कोई राजनीतिक लाभ नहीं पहुंचा। जबकि गत विधानसभा के चुनाव में च ौधरी जब कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा में आए, तब च ौधरी ने अजमेर के आजाद पार्क की सभा में वसुंधरा राजे को भरोसा दिलाया था कि जिले की सभी आठ विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत दर्ज करवाई जाएगी। च ौधरी अपने इस कथन पर खरे भी उतरे। लेकिन इसकी एवज में च ौधरी को कोई उपहार नहीं मिला। नसीराबाद का उपचुनाव हो या लोकसभा का। भाजपा की ओर से कोई तवज्जों नहीं मिली। इतना ही नहीं अजमेर डेयरी को राज्य सरकार की ओर से कोई राहत भी नहीं दी गई। हालांकि वसुंधरा राजे को सीएम के तौर पर माला पहनाने में च ौधरी कभी भी पीछे नहीं रहे। लेकिन च ौधरी के समर्थकों का मानना है कि भाजपा के शासन में उचित सम्मान नहीं मिला है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि च ौधरी कांग्रेस में फिर से घर वापसी करेंगे या नहीं, लेकिन जानकारों की माने तो च ौधरी के तार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट से जुड़ चुके हैं। इसमें सांसद रघु शर्मा की भी भूमिका बताई जाती है। शर्मा ने लोकसभा का उपचुनाव जीता था, लेकिन अब वे केकड़ी से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। च ौधरी के समर्थकों का मानना है कि यदि विधानसभा चुनाव में मसूदा से टिकिट नहीं मिलता है तो लोकसभा में दावेदारी मजबूत है। कांग्रेस के बड़े नेता भी लोकसभा के चुनाव में अजमेर से च ौधरी को मजबूत उम्मीदवार मानते हैं। असल में डेयरी में च ौधरी अपने दम पर राजनीति करते हैं। पिछले 15 वर्षो से च ौधरी डेयरी के अध्यक्ष बने हुए हैं। इस अवधि में 10-10 वर्ष भाजपा-कांग्रेस का शासन रह चुका है, लेकिन च ौधरी का डेयरी में दबदबा बना रहा। डेयरी में दबदबे को बनाए रखने के लिए च ौधरी अपने संचालक मंडल के सदस्यों को हवाई सफर भी करवाते हैं। जिले की अधिकांश दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों पर च ौधरी की सीधी पकड़ है। वैसे भी च ौधरी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण नहीं की है, ऐसे में इस्तीफा देने की जरुरत भी नहीं है। देखना है कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है।