राजस्थान में अब वसुंधरा सरकार को भी चुनाव आचार संहिता लगने का इंतजार।

राजस्थान में अब वसुंधरा सरकार को भी चुनाव आचार संहिता लगने का इंतजार। चैतरफा हड़ताल से काम काज ठप। हड़तालियों का भी आखिरी दांव।
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एक अक्टूबर को भी राजस्थान के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में काम काज ठप हो रखा है। पंचायती राज के 12 हजार कर्मचारी गत 12 सितम्बर से हड़ताल पर हैं तो रोडवेज की हड़ताल को भी एक पखवाड़ा होने को आया। सूचना सहायक यानि कम्प्यूटर विशेषज्ञ से लेकर मंत्रालयिक कर्मचारी तक जयपुर में डेरा जमाए हैं। उपेन यादव के नेतृत्व में बीकानेर में शिक्षा निदेशालय के बाहर बेरोजगार युवक आमरण अनशन पर हैं। शायद ही कोई महकमा होगा, जहां हड़ताल आंदोलन, धरना, प्रदर्शन आदि न हो रहा हो। वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने भी आंदोलनकारियों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। सरकार कई बार कह चुकी है कि हड़तालियों  की मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता। इसलिए अब सरकार को भी चुनाव आचार संहिता लगने का इंतजार है। माना जा रहा है कि 6 अक्टूबर को अजमेर में प्रधानमंत्री की आम सभा हो जाने के बाद किसी भी दिन विधानसभा चुनाव का ऐलान हो जाएगा। इसी के साथ आचार संहित भी लग जाएगी। तब सरकार कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी। राजस्थान में नवम्बर के अंत में मतदान होना है। मतदान से 45 दिन पहले घोषणा होती है। अभी तक कहा जा रहा था कि गौरव यात्रा के समापन के बाद जब सीएम राजे को फुर्सत मिलेगी और वे जयपुर आएंगी, तब हड़तालियों से कोई ठोस वार्ता हो सकती है। गौरव यात्रा में सभाओं का दौर भीलवाड़ा में समाप्त हो चुका है और अब सीएम जयपुर में ही है। लेकिन फिर भी हड़तालियों से कोई संवाद शुरू  नहीं हुआ है। वैसे भी अब प्रधानमंत्री की सभा की तैयारियां जोरों पर हैं। सरकार की जहां सारा दारोमदार प्रधानमंत्री की सभा पर है, वहीं हड़ताली कर्मचारी भी आखिरी दांव लगा रहे हैं। कर्मचारियों को भी पता है कि यदि इस सप्ताह कोई हल नहीं निकला तो फिर मांगों का पूरा होना मुश्किल है। सरकार पर आखिरी दबाव डालने के लिए पशु पालन विभाग के कार्मिक भी हड़ताल पर चले गए हैं। विद्युत कर्मियों की हड़ताल का भी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा है। देखना है कि सरकार झुकती है या फिर कर्मचारियों की हार होती है। सरकार को इस बात का भी डर है कि इतनी बड़ी संख्या में यदि कर्मचारी नाराज होकर चुनाव में उतरते हैं तो खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा। हड़ताल कर्मचारी सरकार पलटने  के पहले ही बड़े बड़े दावे कर रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (01-10-18)
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