आचार संहित लगने से पहले ही सीएम ने कर दिए लोकार्पण-आरती डोगरा निर्वाचन अधिकारी। 

आचार संहित लगने से पहले ही सीएम ने कर दिए लोकार्पण-आरती डोगरा निर्वाचन अधिकारी। 
लेकिन कांग्रेस राज्य निर्वाचन विभाग में शिकायत करेगी-सांसद शर्मा।
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राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे द्वारा 6 अक्टूबर को अजमेर में लोकार्पण करने के विवाद पर जिला निर्वाचन अधिकारी आरती डोगरा ने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही सुभाष द्वार के सौंन्दर्यीकरण और पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर के एंट्री गेट का लोकार्पण हो गया था। डोगरा ने बताया कि 6 अक्टूबर को कायड़ विश्राम स्थली पर हुई प्रधानमंत्री की आमसभा और दिल्ली मंे मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की प्रेस काॅन्फ्रेंस पर बराबर नजर रखी गई थी। प्रधानमंत्री की सभा समाप्त होते ही सीएम राजे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के कार्यालय के लिए रवाना हो गई और कार्यालय में पहुंचते ही बिना किसी स्वागत सत्कार के दोनों कार्यों का लोकार्पण कर दिया। मैं स्वयं सीएम के साथ थी, इसलिए कह सकती हंूं कि आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ। चूंकि सीएम को बोर्ड कार्यालय आना था, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विदाई देने के लिए अस्थायी हेलीपैड पर भी नहीं गई। यानि दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही सीएम ने आॅन लाइन तकनीक से दोनों कार्यों का लोकार्पण कर दिया। चूंकि लोकार्पण के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया तो सीएम की सुरक्षा में हाथों हाथ कटौती कर दी गई। यहां तक मैं स्वयं भी सीएम के पुष्कर दौरे पर नहीं गई। निर्वाचन विभाग ने चुनाव घोषणा के बाद आचार संहिता का पूरा ख्याल रखा है।
लोकार्पण की शिकायत होगी-सांसद शर्माः
वहीं कांग्रेस की प्रचार समिति के प्रदेशाध्यक्ष और अजेमर के सांसद रघु शर्मा ने कहा कि 6 अक्टूबर को अजमेर में सीएम राजे ने जिन हालातों में लोाकार्पण किए उसकी शिकायत राज्य निर्वाचन विभाग में की जाएगी। रघु ने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कायड़ विश्राम स्थली पर 2 बजकर 50 मिनट तक भाषण दे रहे थे और दिल्ली में तीन बजे मुख्य चुनाव आयुक्त  रावत ने प्रेस काॅन्फ्रेस शुरू कर दी थी तो फिर सीएम ने लोकार्पण कैसे कर दिए? कायड़ विश्राम स्थली और शिक्षा बोर्ड की दूरी कम से कम 10 किलोमीटर है और भीड़ में से निकलने में कुछ तो समय लगा ही होगा। रघु शर्मा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएम को लोकार्पण का इतना शौक हैं तो प्रधानमंत्री को विदाई देने के लिए हवाई पटृटी तक भी नहीं गई। सांसद शर्मा ने उम्मीद जताई है कि अजमेर प्रशासन चुनाव में निष्पक्ष भूमिका निभाएगा। शर्मा ने कहा कि लोकार्पण समारोह के सारे तथ्य जुटाए जा रहे हैं। कांग्रेस का विधि प्रकोष्ठ जल्द ही एक शिकायत निर्वाचन विभाग में दर्ज करवाएगा।
इतनी हड़बड़ाहट क्यों?
अजमेर का प्रशासन कुछ भी कहे, लेकिन सवाल यह भी है कि सीएम स्तर पर इतनी हड़बड़ाहट क्यों है? जानकारों की माने तो प्रधानमंत्री की सभा समाप्त होने के बाद सीएम राजे को शिक्षा बोर्ड पहुंचने की इतनी जल्दी थी कि उन्होंने जिला कलेक्टर की कार का उपयोग किया। कथित लोकार्पण समारोह में शहर के दोनों मंत्री यहां तक कि नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत तक नहीं थे। यह बात भी अपने आप में गंभीर हैं कि सीएम राजे पीएम मोदी को विदाई देने तक नहीं गई। ऐसा नहीं है कि सुभाष बाग और पुष्कर का गेट 6 अक्टूबर को ही तैयार हुआ, यह दोनों कार्य पिछले  एक माह से उद्घाटन के लिए तरस रहे थे। सीएम पांच अक्टूबर को भी अजमेर आई थी, लेकिन लोकार्पण नहीं किया।
एस.पी.मित्तल) (07-10-18)
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