शोधार्थी छात्रा से पचास हजार रुपए रिश्वत लेते अजमेर की एमडीएस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सतीश अग्रवाल गिरफ्तार।

शोधार्थी छात्रा से पचास हजार रुपए रिश्वत लेते अजमेर की एमडीएस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सतीश अग्रवाल गिरफ्तार। राजस्थान में भ्रष्टाचार का ऐसा दूसरा मामला। दो लाख रुपए प्रति माह वेतन मिलता है। 
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15 अक्टूबर को एसीबी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी के प्रबंधन संकाय के प्रोफेसर सतीश अग्रवाल को एक शोधार्थी छात्रा से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। राजस्थान के इतिहास में यह दूसरा अवसर है जब किसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इस तरह भ्रष्टाचार करते पकड़ा गया है। 15 अक्टूबर की कार्यवाही एसीबी की अजमेर स्थित शाखा के डीएसपी महिपाल च ौधरी की देखरेख में हुई। एसीबी के एसपी कैलाश विश्नोई का मार्ग निर्देशन भी रहा। शिकायतकर्ता शोधार्थी छात्रा प्रोफेसर अग्रवाल के अधीन शोध कर रही है, चूंकि छात्रा को यूजीसी से तीन लाख रुपए वार्षिक स्काॅलरशिप मिलती है। उसके बिल स्वीकृत करने की एवज में अग्रवाल ने 75 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। 25 हजार की किश्त पूर्व में दी जा चुकी थी। एसीबी की योजना के मुताबिक 15 अक्टूबर को जब 50 हजार रुपए की दूसरी किश्त दी जा रही थी, तभी अग्रवाल को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। यानि विद्यार्थियों को मिलने वाली स्काॅलरशिप की राशि में भी प्रोफेसर अग्रवाल भ्रष्टाचार कर रहे थे। अग्रवाल के अधीन कम समय में सात विद्यार्थी शोध कार्य कर रहे हैं। इनमें से पांच को यूजीसी से स्काॅलरशिप मिलती है। लेकिन प्रोफेसर अग्रवाल के खिलाफ शिकायत करने की नागौर की छात्रा ने ही हिम्मत दिखाई। जयपुर स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाद अजमेर में यह दूसरा मामला है। जब शिक्षक को भ्रष्टाचार करते हुए पकड़ा गया है। प्रोफेसर अग्रवाल को प्रतिमाह दो लाख रुपए का वेतन मिलता है।
चार वर्ष तक निलम्बित रहेः
प्रोफेसर अग्रवाल आज भले ही विद्यार्थियों को पीएचडी करवा रहे हैं, लेकिन पूर्व में स्वयं की पीएचडी की डिग्री को लेकर आपत्ति हुई है। शिकायतों के मद्देनजर ही वर्ष 2008 में यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वीसी भागीरथ सिंह ने अग्रवाल को निलम्बित किया था। कोई चार वर्ष तक निलम्बित रहने के बाद वीसी कैलाश सोडानी ने बहाल कर दिया। हालांकि अभी भी डिग्री की सत्यता को लेकर जांच चल रही है। राजस्थान के शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण माने जाने वाली इस कार्यवाही में डीएसपी महिपाल च ौधरी की खास भूमिका रही है। च ौधरी स्वयं मौके पर मौजूद रहे। टेªप की कार्यवाही से पहले फोन भी टेप किए गए ताकि रिश्वत मांगने की पुष्टि हो सके।
वीसी के काम काज पर भी रोकः
इन दिनों एमडीएस यूनिवर्सिटी के हाल बेहद खराब हैं। विगत दिनों ही हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी के वीसी आरवी सिंह के कामकाज करने पर रोक लगा दी। आज की स्थिति में यूनिवर्सिटी में वीसी भी नहीं है। इसी प्रकार रजिस्ट्रार अनिता च ौधरी भी अवकाश पर चल रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रोफेसर अग्रवाल को निलंबित कौन करेगा?
एस.पी.मित्तल) (15-10-18)
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