450 भाजपाई अजमेर के 8 विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों के बारे में 20 अक्टूबर को जयपुर में देंगे राय।

450 भाजपाई अजमेर के 8 विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों के बारे में 20 अक्टूबर को जयपुर में देंगे राय। प्रमुख दावेदारों को वर्तमान विधायकों के टिकिट कटने की उम्मीद।
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राजस्थान में 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मंडल स्तर तक के पदाधिकारियों से फीडबैक लेने का जो अभियान चलाया है उसमें अजमेर के भाजपाई 20 अक्टूबर को जयपुर में बड़े नेताओं के सामने राय देंगे। अजमेर में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 450 भाजपा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है। शहर अध्यक्ष अरविंद यादव के अनुसार दक्षिण और उत्तर विधानसभा क्षेत्रों में करीब 150 कार्यकर्ता चिन्हित किए हैं, इनमें भाजपा के पार्षद भी शामिल हैं। इसी प्रकार देहात अध्यक्ष बीपी सारस्वत ने बताया कि सर्वाधिक संख्या केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में हैं। 6 विधानसभा क्षेत्रों में करीब तीन सौ कार्यकर्ताओं को चिन्हित किया गया है। यादव और सारस्वत के अनुसार प्रदेश नेतृत्व ने जो गाइड लाइन दी है उसी के अनुरूप कार्यकर्ताओं को सूचना भिजवाई गई है। जिन कार्यकर्ताओं को सूचना मिली है, अब उनकी मिजाजपुर्सी शुरू हो गई है। जो नेता चुनाव लड़ना चाहते हैं वे चयनित कार्यकर्ता के घर जाकर खुश करने में लगे हुए हैं। आग्रह किया जा रहा है कि उन्हीं के वाहन में अजमेर से जयपुर चला जावे; चूंकि एक कार्यकर्ता को पर्ची में तीन दावेदारों के नाम लिखने हैं। इसलिए हर दावेदार चाहता है कि पर्ची में उसी का नाम लिखा जावे। अजमेर जिले में 8 में से 7 भाजपा के विधायक हैं। कोई भी विधायक नहीं चाहता है कि उनका टिकिट कटे, लेकिन हर विधानसभा क्षेत्र में जिस प्रकार बड़े नेताओं ने दावेदारी दिखाई है उसमें सभी विधायकों के टिकिट कटने की उम्मीद है। देहात अध्यक्ष बीपी सारस्वत केकड़ी पर नजर लगाए हुए हैं तो अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा अब खुलकर अजमेर उत्तर में सामने आ गए हैं। जब हेड़ा जैसे वरिष्ठ नेता दावेदारी जता रहे हैं तो वर्तमान विधायक और प्रदेश के बहुचर्चित स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी को खतरा नजर आने लगा है। हेड़ा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर संघ चालक और भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं, इसलिए सिर्फ नाम चलाने के लिए तो दावेदारी नहीं जताएंगे। इसी प्रकार जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने अजमेर दक्षिण से खुली दावेदारी जता कर वर्तमान भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। पुष्कर में भाजपा विधायक और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत को अपनी ही जाति के प्रधान अशोक सिंह रावत और रावत समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले राजेन्द्र सिंह रावत से संघर्ष करना पड़ रहा हैं। किशनगढ़ से दो बार के विधायक भागीरथ च ौधरी को पूर्व नगर परिषद सभापति और प्रदेश भाजपा के सदस्य सुरेश टांक से दावेदारी में मुकाबला करना पड़ रहा है। मसूदा की भाजपा विधायक सुशील कंवर पलाड़ा के सामने पूर्व जिलाध्यक्ष नवीन शर्मा खड़े हैं तो ब्यावर में विधायक शंकर सिंह रावत के सामने तो विरोधियों की लम्बी लाइन लगी है। नसीराबाद में कांग्रेस के विधायक हैं, इसलिए भाजपा का कोई भी नेता दावेदारी करने में पीछे नहीं है। प्रदेश नेतृत्व को भी पता है कि भाजपा की जिला और मंडल कार्यकारिणी में विधायकों का दखल रहा है, इसलिए पार्षद से लेकर जिला परिषद के सदस्यों तक को राय देने वालों में शामिल किया गया है। पूर्व मंडल अध्यक्ष भी इसीलिए बुलाए गए हैं। अलबत्ता चुनावी मौसम में छोटे कार्यकर्ता की भी पूछ हो गई है। जिस विधानसभा क्षेत्र में जितने ज्यादा दावेदार है, उस क्षेत्र के कार्यकर्ता का उतना ही सम्मान हो गया है।
एस.पी.मित्तल) (17-10-18)
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