रावत समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में हुए हंगामे का विवाद गहराया।

रावत समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में हुए हंगामे का विवाद गहराया। महासभा ने भाजपा विधायक सुरेश रावत प्रधान अशोक सिंह सहित पांच जनों को समाज का दोषी माना।
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राजस्थान रावत महासभा पुष्कर अजमेर के अध्यक्ष डाॅ. शैतान सिंह रावत ने 19 अक्टूबर को जो बयान जारी किया है, उससे रावत समाज का विवाद और गहरा गया है। दो दिन पहले पुष्कर के भाजपा विधायक और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत ने दावा किया था कि समाज में अब कोई विवाद नहीं है, क्योंकि मैंने दोनों पक्षों से समझौता करवा दिया है। विधायक के इस बयान से नाराज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. शैतान सिंह ने कहा कि 9 सितम्बर को रावत महासभा के सम्मान समारोह में जिन लोगों ने हंगामा करवाया उसमें विधायक रावत खुद जिम्मेदार हैं। ऐसे में वह समझौता करवाने वाले कौन होते हैं। रावत ने कहा कि सम्मान समारोह में हंगामे को लेकर महासभा ने 15 सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने हंगामे के लिए पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत, पीसांगन पंचायत समिति के प्रधान अशोक सिंह रावत, मोहन सिंह रावत, पुजारी सांवर सिंह रावत तथा माणक उर्फ मदन को दोषी माना है। अब यह मामला महासभा की साधारण सभा में रखा जाएगा, तब तक यह पंाचों समाज के दोषी कहलाएंगे। जांच कमेटी ने समारोह के आयोजकों सहित समाज के प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज करने के बाद ही अपना निर्णय दिया है। इस कमेटी में तारा सिंह रावत (बोराज), भंवर सिंह रावत (कंवलाई), दीपक सिंह रावत (कानस), गुमानसिंह रावत (बोगलिया), मान सिंह रावत (सवाईपुरा), जोधासिंह रावत (सूरजकुंड), नानू सिंह रावत (बोराज), सीताराम रावत (किशनगढ़), शंकर सिंह रावत (दाता), कप्तान सिंह रावत (गनाहेड़ा) आदि शामिल हैं। महासभा के अध्यक्ष के ताजा बयान से रावत समाज का विवाद और गहराया गया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विवाद कुछ ज्यादा ही हो रहा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पुष्कर स्थित कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत सेवानंदगिरि की उपस्थिति पर 9 सितम्बर को हंगामा हुआ था। अध्यक्ष के बयान से प्रतीत होता है कि महासभा का समर्थन महंत को मिला है। चुनाव में महंत ने भी पुष्कर से दावेदारी की है। इस संबंध में विधायक सुरेश सिंह रावत और प्रधान अशोक सिंह रावत पहले ही सभी आरोपों से इंकार कर चुके हैं। दोनों का कहना है कि 9 सितम्बर के हंगामे से हमारा कोई सरोकार नहीं है। हमने तो हमेशा समाज की एकता के लिए काम किया है। 17 अक्टूबर को भी पुलिस में दर्ज परस्पर मुकदमों को आपसी सहमति से वापस करवाया है। हम चाहते हैं कि रावत समाज में सदभावना और एकता बनी रहे।
एस.पी.मित्तल) (19-10-18)
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