शशि थरूर के कांग्रेस में रहते भाजपा को जीत की चिंता नहीं करनी चाहिए। तो नरेन्द्र मोदी तो भगवान शिव की शरण में है। राहुल ने भी उज्जैन में शिवलिंग पर दूध चढ़ाया।
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कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चाहे जितने हमले कर लें, लेकिन जब तक शशि थरूर जैसा नेता कांग्रेस में है, तब भाजपा को जीत की चिंता नहीं करनी चाहिए। पहले दिग्विजय सिंह भाजपा को फायदा पहुंचा रहे थे और शशि थरूर। ताजा बयान में थरूर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू जैसे हैं जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और चप्पल से मारा जा सकता है। थरूर के इस बयान से कांग्रेस को तो कोई फायदा होने वाला नहीं है, लेकिन भाजपा को जरूर राजनीतिक लाभ पहुंचेगा। जब जब कांग्रेस हिन्दू संस्कृति को नीचा दिखाने वाला बयान देगी, तब तब भाजपा को फायदा होगा। हिन्दू संस्कृति में शिवलिंग और बिच्छू का अपना धार्मिक महत्व है। भगवान शिव तो अपने गले में सांप लटकाए रखते थे। अब यदि थरूर भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर चप्पल मारने की बात कहेंगे तो हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। राहुल गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार अशोक गहलोत यह अच्छी तरफ समझ लें कि कांग्रेस शिवलिंग पर चप्पल मारने की बात कहेगी तो चुनाव में वोट भाजपा को ही मिलेंगे। सरकार के कामकाज को लेकर आम लोगों में नाराजगी है, लेकिन कोई भी हिन्दू उस दल को वोट नहीं देगा, जो शिवलिंग का अपमान करता हो। समझ में नहीं आता कि शशि थरूर ने शिवलिंग वाला बयान किस नजरिए से दिया, जबकि राहुल गांधी तो पिछले दिनों ही भगवान शिव के प्रतीक बाबा अमरनाथ होकर आए हैं। राहुल ने अपने माथे पर शिवभक्त की तरह तिलक भी लगवाया। खुद शशि थरूर अपनी तीसरी पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के आरोप में फंसे हैं। लम्बे अर्से तक थरूर ने यूएनओ में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। क्या इसी हिन्दू विरोधी मानसिकता के साथ थरूर ने यूएनओ में भूमिका निभाई? वैसे भी नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं उनकी तुलना बिच्छू से किया जाना उचित नहीं है। मोदी चुनाव में जीत कर प्रधानमंत्री बने हैं।
राहुल ने चढ़ाया दूधः
29 अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उज्जैन स्थित महाकाल के मंदिर में शिवलिंग पर दुग्घाभिषेक किया और हिन्दू परंपरा के अनुसार शिवलिंग पर पुष्प अर्पित किए। मंदिर के पुजारियों के साथ राहुल ने आरती भी की। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी साथ थे। राहुल ने भगवान शिव के प्रति श्रद्धा प्रकट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।