धनतेरस के दिन भी हुआ भाजपा-कांग्रेस में उम्मीदवारों पर मंथन।

धनतेरस के दिन भी हुआ भाजपा-कांग्रेस में उम्मीदवारों पर मंथन। दावेदारों में नहीं है दीपावली का जश्न। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल, तरुण कुमार, देवेन्द्र यादव और काजी की छुट्टी।
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5 नवम्बर को धनतेरस के पर्व पर भी राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर मंथन हुआ। कांग्रेस की स्क्रीननिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने दिल्ली में चारों राष्ट्रीय सचिवों के साथ उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया तो वहीं जयपुर में सीएम वसुंधरा राजे ने सभी प्रमुख भाजपा नेताओं के साथ एक होटल में बैठ कर उम्मीदवारों के बारे में जानकारी ली। असल में पिछले दिनों दोनों ही दलों के नेताओं जब दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से चर्चा की थी तो राष्ट्रीय नेतृत्व की नाराजगी सामने आई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो प्रभारी राष्ट्रीय सचिवों की कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर दिया, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने दो टूक शब्दों में कहा कि मुझे जिताऊ उम्मीदवार चाहिए। राहुल गांधी और अमितशाह की हिदायत के बाद ही कांग्रेस और भाजपा में एक बार फिर जिला स्तर पर उम्मीदवारों का मंथन हुआ। इस मंथन के बाद ही पांच नवम्बर को दिल्ली और जयपुर में दोनों दलो के नेताओं ने उम्मीदवारों पर विचार किया ताकि राहुल गांधी और अमितशाह को यह दिखाया जा सके कि हिदायत के बाद नए सिरे से उम्मीदवारों की सूची बनाई गई है। चूंकि दोबारा से उम्मीदवारों पर विचार विमर्श हो रहा है इसलिए पिछले दिनों मीडिया में जिन उम्मीदवारों के नाम सामने आए उन पर सवालिया निशान लग गया है। हालांकि दोनों दलों के नेता शुरू से ही कह रहे है कि हमने किसी भी उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं किया है। माना जा रहा है कि दिल्ली में कुमारी शैलजा और जयपुर में सीएम वसुंधरा राजे की उपस्थिति में कांग्रेस और भाजपा की जो बैठक हुई उसमें पुरानी सूची में ही थोड़ा फेरबदल किया गया है। जिन दावेदारों का नाम सूची में उम्मीदवार के तौर पर शामिल किया गया है उनके जीतने के कारण भी लिखे गए हैं।
दावेदारों में दीपावली का जश्न नहींः
कांग्रेस और भाजपा से जो नेतो उम्मीदवारी के लिए दावेदारी जता रहे हैं उनमें दीपावली का कोई जश्न नहीं है। दोनों ही दलों के नेताओं को अपने टिकिट की चिंता सता रही है।  भाजपा के 163 विधायक हैं और सभी विधायक दुबारा से टिकिट चाहते हैं। 80 वर्ष की उम्र हो जाने के बाद भी विधायकों को टिकिट की लालसा है। कांग्रेस के दावेदार कुछ ज्यादा ही उत्साहित हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना को देखते हुए कांग्रेसी हर स्थिति में उम्मीदवारी चाहे रहे हैं। चूंकि दोनों दलों के नेताओं की मानसिक स्थिति एकसी है इसलिए दीपावली का कोई जश्न नहीं है। सभी नेताओं को अपने टिकिट की चिंता सता रही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिवों को हटाने की खबर:
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली में स्क्रीन कमेटी के अध्यक्ष कुमारी शैलेजा से विचार मंथन के बाद कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में नियुक्त चार राष्ट्रीय सचिवों के अधिकारी छीन लिए है। जिन सचिवों के अधिकारी छीने गए उनमें विवेक बंसल, तरुण कुमार, देवेन्द्र यादव और निजामुद्दीन काजी हैं। इन चारों पर यह आरोप लगा था कि इन्होंने प्रभावित होकर अपनी सूची में सिंगल नाम लिख दिए। इसी पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने नाराजगी जताई थी। 5 नवम्बर को कुमारी शैलजा ने इन राष्ट्रीय सचिवों के साथ विचार तो किया, लेकिन बैठक खत्म होते होते इन चारों सचिवों की छुट्टी की खबर भी मीडिया में आ गई।
एस.पी.मित्तल) (05-11-18)
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