भाजपा में सीएम राजे और संगठन के बीच अनेक सीटों पर सहमति नहीं।

भाजपा में सीएम राजे और संगठन के बीच अनेक सीटों पर सहमति नहीं। अशोक गहलोत के बगैर हुई कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक। उम्मीदवारों का चयन अंतिम दौर में।
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राजस्थान में 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर 10 नवम्बर को दिल्ली में भाजपा की कोर कमेटी और कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। भाजपा की बैठक में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के सरकारी निवास पर तो  कांग्रेस की बैठक 15 जीआरजी पर हुई। दोनों ही दलों की बैठकों में नई बात निकल कर सामने आ रही है। पहले भाजपा की कोर कमेटी की बैठक की बात। सुबह 11 बजे शुरू हुई इस बैठक में जावड़ेकर के साथ सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी, प्रभारी महासचिव अविनाश राय खन्ना, वी सतीश, गजेन्द्र सिंह शेखावत, चन्द्रशेखर, अशोक परनामी, राजेन्द सिंह राठौड़ आदि शामिल थे। कोई डेढ़ बजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर भी इस बैठक में शामिल हुए। जानकार सूत्रों के अनुसार सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा संगठन के बीच कई सीटों पर सहमति नहीं बनी है। हालांकि कोर कमेटी में सीएम के भरोसेमंद पूर्व अध्यक्ष परनामी और मंत्री राठौड़ भी मौजूद थे, लेकिन कई नामों पर एक राय नहीं हो पाई। ओम माथुर का कहना रहा कि जिन नामों पर सहमति नहीं हो रही है उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के सामने रखा जाएगा। हालांकि माथुर का यह प्रयास है कि सभी की राय से सिंगल नाम का पैनल बना कर अमितशाह की मुहर लगवा ली जाए। बैठक में ओम माथुर को ही अमितशाह का प्रतिनिधि माना गया। ओम माथुर के रुतबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह दोपहर डेढ़ बजे बैठक में शामिल हुए, जबकि सीएम राजे प्रातः 11 बजे से ही बैठक में उपस्थित थीं। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि माथुर के पास अभी सिर्फ राजस्थान का जिम्मा ही है। मध्य प्रदेश और छत्तसीगढ़ के चुनाव का कोई दायित्व माथुर के पास नहीं है। सूत्रों के अनुसर कोर कमेटी की बैठक के मंथन के बाद 11 नवम्बर को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के साथ अंतिम बैठक होगी। हो सकता है कि असहमति वाली सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा दो-तीन दिन के लिए टाल दी जाए। कोर कमेटी के सदस्य भी फिलहाल कोई निर्णायक बात करने की स्थिति में नहीं है। सभी को अमितशाह की सहमति का इंतजार है।
अशोक गहलोत के बगैर बैठकः
10 नवम्बर को 15 जीआरजी में राजस्थान कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में अध्यक्ष कुमारी शैलजा के साथ प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे, चारों राष्ट्रीय सचिव आदि उपस्थित रहे, लेकिन 10 नवम्बर की बैठक में पूर्व सीएम अशोक गहलोत उपस्थित नहीं थे। सूत्रों की माने तो गहलोत ने कुमारी शैलजा और सचिन पायलट को अंतिम सूची बनाने का अधिकार दे दिया है। गहलोत की ओर से कहा गया है कि स्क्रीनिंग कमेटी जिन उम्मीदवारों का नाम तय करेगी उस पर उनकी सहमति है। लेकिन कमेटी के सभी सदस्य चाहते है कि अंतिम सूची राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले सूची पर गहलोत की सहमति भी हो जाए। माना जा रहा है कि 11 नवम्बर को सूची पर गहलोत की सहमति भी ली जाएगी। असल में गहलोत ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह उम्मीदवारों को लेकर किसी विवाद में पड़ना नहीं चाहते हैं। पायलट जिन्हें उम्मीदवार बनाएंगे उन्हें जीताने का काम गहलोत पूरी ईमानदारी के साथ करेंगे। यही वजह है कि दस नवम्बर को भी पायलट के आवास पर दिन भर टिकार्थियों की भीड़ लगी रही।
प्रतिक्रिया देखने के बाद दूसरी और तीसरी सूचीः
चूंकि दोनों ही दलों में एक सीट पर कई दावेदार हैं, इसलिए दोनों ही दलों को उम्मीदवारों की घोषणा के बाद हंगामे का डर है। चूंकि ऐसे हंगामे मध्य प्रदेश में हो रहे है इसलिए दोनों ही दल राजस्थान में सतर्कता बरत रहे हैं। पहली सूची जारी होने के बाद दोनों दल प्रतिक्रिया देखेंगे और उसके बाद दूसरी और तीसरी सूची जारी की जाएगी। उम्मीद है कि दोनांे ही दलों की पहली सूची 13 नवम्बर को आए जाएगी। राजस्थान में 12 नवम्बर से नामांकन शुरू हो जाएंगे। चूंकि नामांकन 19 नवम्बर तक किए जा सकते हैं इसलिए उम्मीदवारों की सूची 18 नवम्बर तक भी जारी हो सकती है।
एस.पी.मित्तल) (10-11-18)
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