किसानों की कर्ज माफी पर कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह के सुझावों पर अमल करे गहलोत सरकार। तभी सही मायने में होगी कर्ज माफी।
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अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही किसानों के दो लाख तक के कृषि ऋण माफ कर दिए गए। लेकिन इस घोषणा में उन्हीं किसानों को लाभ हुआ है जो डिफाॅल्टर है। यानि जिन किसानों ने कर्ज का भुगतान समय पर कर दिया उन्हें सरकार की इस घोषणा का लाभ नहीं मिल रहा है। किसानों की इस पीड़ा को लेकर भी भरतपुर से कांग्रेस के विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने गहलोत सरकार को सलाह दी है कि जिन किसानों ने समय पर भुगतान किया है उनका कर्जा भी माफ किया जावे। कांग्रेस विधायक ने गहलोत से संवाद करते हुए कहा कि आमतौर पर बैंक वित्तीय वर्ष की समाप्ति यानि 31 मार्च से पहले पहले कर्ज की अदला बदली कर लेती है। यानि किसानों से नगद राशि लेकर पुराने कर्जे को चुका दिया जाता है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें फिर से नया कर्ज दे दिया जाता है। सरकार ने 31 मार्च 2018 के बाद वाले कर्जों को माफ नहीं किया है। विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार को 31 मार्च 2018 से पहले तक जो कर्ज हैं उन्हें माफ करना चाहिए तभी सही मायने में सरकार की कर्ज माफ हो सकेगी। विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि किसानों की जमीनी हकीकत जानने के बाद ही कर्ज माफी की घोषणा की जानी चाहिए। ऐसे बहुत से किसान हैं, जिन्होंने 31 मार्च से पहले कर्ज को चुका दिया, लेकिन अब उन्हें कर्ज माफी का लाभ नहीं मिल रहा है। विश्वेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे किसानों की समस्याओं को समझेंगे और राहत प्रदान करेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि विश्वेन्द्र सिंह ने जो सुझाव दिया है उस पर सरकार को अमल करना चाहिए। जो किसान बैंकों से अच्छा व्यवहार रखते हैं उन्हें भी कर्ज माफी का लाभ मिलना चाहिए। जमीनी हकीकत यह है कि एक दिन के लिए मोटे ब्याज पर रकम लेकर बैंकों में जमा करवाई जाती है। जबकि ऐसे किसान कर्ज में डूबे हुए हैं। सरकार की कर्ज माफी की योजना तभी सफल होगी, जब ईमानदार किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।