पाठकों को समर्पित है 5000वां ब्लाॅग।
ईश्वर की कृपा से यह भरोसा बना रहे।
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19 से 21 दिसम्बर तक मैं ब्लाॅग नहीं लिख पाया क्योंकि मैं हरिद्वार और देवप्रयाग की यात्रा पर था। लेकिन मेरी इस धार्मिक यात्रा को उस समय और बल मिला, जब अनेक पाठकों ने फोन पर जानना चाहा कि मैंने ब्लाॅग क्यों नहीं लिखा। पाठकों का कहना रहा कि अब हमें प्रतिदिन शाम को आपके ब्लाॅग पढ़ने की आदत हो गई है। शाम चार बजते ही मोबाइल पर ब्लाॅग देखने की उत्सुकता रहती है। जिस प्रकार सुबह अखबार की तलब होती है, उसी प्रकार शाम को एसपी मित्तल के ब्लाॅग की। पाठकों की ऐसी राय सुनकर मुझे न केवल संतोष की अनुभूति हुई बल्कि लगा कि आज सोशल मीडिया का कितना महत्व हो गया है। ऐसे पाठक अजमेर और राजस्थान के ही नहीं बल्कि हिन्दी भाषी राज्यों के भी है। असल में पाठकों के स्नेह और हौंसला अफजाई की वजह से ही मैं रोजाना तीन चार ब्लाॅग लिख पा रहा हूं। इसलिए यह 5000वां ब्लाॅग में पाठकों का यह भरोसा मुझ पर बना रहे। सोशल मीडिया पर मिली इस सफलता से कुछ लोग मुझ से ईष्र्या भी रखते हैं। ऐसे कुछ लोगों में पत्रकार साथी भी हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से पहचान बनाने में मुझे किसी अखबार का सहयोग नहीं मिला है, लेकिन जब ब्लाॅग में लिखे की तुलना बड़े अखबार से होती है तो सभी पत्रकार साथियों को गर्व होना चाहिए। आज जो पत्रकार साथी अखबारों में काम कर रहे हैं उन्हें कल इसी सोशल मीडिया की जरुरत हो सकती है। मैंने एक रास्ता खोल दिया है, जिस पर हर पत्रकार साथी चल सकता है। इतनी सफलता के लिए पाठकों का भरोसा जरूरी हैं। मैं यहां यह बताना चाहता हंू कि करीब पांच हजार वाट्सएप ग्रुप में ब्लाॅग पोस्ट करता हंू। मैं किसी भी वाट्सएप ग्रुप का एडमिन नहीं हूं। वाट्सएप ग्रुपों के एडमिनों ने मुझे जोड़ रखा है। मेरे ब्लाॅग स्पाॅट पर करीब सवा लाख पाठक हैं। फेसबुक पेज की पहुंच भी करीब 25 हजार पाठकों तक हैं। इसके अतिरिक्त वेबसाइट, एप आदि के माध्यम से भी लाखों लोगों तक ब्लाॅग पहुंच रहा है। अजमेर जिले के गांव ढाणी तक तथा राजस्थान के हर शहर में ब्लाॅग पढ़ा जा रहा है। पाठकों का ही दबाव है कि प्रशासन और सरकार में बैठे लोग भी ब्लाॅग का इंतजार करते हैं। जितना पाठकों का भरोसा है उतनी ही मेहनत मैं भी करता हंू। प्रातः 11 बजे से सायं 6 बजे तक दफ्तर में बैठ कर ब्लाॅग लिखने और फिर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए पोस्ट करने का काम होता है। इस कार्य में मुझे मेरी पत्नी श्रीमती अचला मित्तल का भी सहयोग रहता है।