तो क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता कांग्रेस सरकार के लिए खतरा हैं ? सार्वजनिक स्थलों पर शाखा लगाने पर लग सकता है प्रतिबंध।
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राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारें बनते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं का मुद्दा उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस विचार मंच ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर सार्वजनिक स्थलों पर लगने वाली संघ की शाखाओं पर रोक लगाने की मांग की है। हालांकि यूपी में तो भाजपा की सरकार है इसलिए प्रतिबंध नहीं लगेगा, लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने सार्वजनिक स्थलों पर शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। हो सकता है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी ऐसी कार्यवाही की जाए। सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस को संघ के कार्यकर्ताओं से डर लगता है ? हालांकि संघ ने स्वयं को सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन बताया है, जिसका उद्देश्य हिन्दू समाज को संगठित और मजबूत करना है। यही वजह है कि संघ के कार्यकर्ता समाज में विभिन्न तरीकों से सक्रिय है। ईसाई संगठनों की तर्ज पर संघ की ओर से स्कूल खोले जा रहे है तथा सेवा भारती के माध्यम से कच्ची और गरीब बस्तियों में सेवा का कार्य भी होता है। आज हर क्षेत्र में संघ के अनुगामी संगठन सक्रिय है। भारतीय जनता पार्टी भी संघ का राजनीतिक संगठन है। यही वजह है कि चुनावों में भाजपा को जितवाने में संघ के कार्यकर्ता भी अपने नजरिए से सक्रिय होते है। कांग्रेस को संघ सेवा भावना पर तो एतराज नहीं, लेकिन राजनीतिक दखल पर एतराज होता है। कांग्रेस के नेता संघ के कार्यकर्ताओं को भी भाजपा के कार्यकर्ताओं के तौर पर ही देखते है। नेताओं का मानना है कि संघ की शाखाओं से भाजपा का ही प्रचार-प्रसार होता है। हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी संघ को देश के लिए घातक बताते रहे है। लेकिन यह भी सही है कि पिछले 20 वर्षों में खासकर मोहन भागवत के संघ प्रमुख बनने के बाद संघ का विस्तार तेजी से हुआ है। संघ की विचारधारा के लोग शासन प्रशासन में उच्च पदों पर बैठे है। ऐसे में सार्वजनिक स्थलों पर शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। संघ के पदाधिकारियों को भी पता है कि किसी प्रांत में कांग्रेस का शासन आने पर गतिविधियों को कैसे चलाया जाता है। राजस्थान में तो 5 वर्ष भाजपा और 5 वर्ष कांग्रेस के शासन की परम्परा है। ऐसे में संघ को पता है कि 5 वर्ष बाद फिर भाजपा का शासन आएगा। चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने भले ही संघ को निशाने पर रखा हो, लेकिन सरकार में आने के बाद कांग्रेस के नेता भी हकीकत को समझते हैं।