राजस्थान में एक लाख 86 हजार मतों की खाई को पाटने में जुटी भाजपा।
जयपुर से लेकर दिल्ली तक में हलचल। प्रतिपक्ष के नेता पर भी कवायद।
मंच पर नहीं लगी वसुंधरा की फोटो।
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मई में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर 3 जनवरी को राजस्थान भाजपा में जयपुर से लेकर दिल्ली तक हलचल रही। जयपुर में भाजपा के अग्रिम संगठनों की बैठक हुई तो दिल्ली में शाम को प्रदेश के सांसदों की बैठक हो रही है। दिल्ली की बैठक में राष् ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह उपस्थित रहेंगे। जबकि जयपुर की बैठक को प्रदेश संगठन महासचिव चन्द्रशेखर ने प्रभावी तरीके से संबोधित किया। बैठक में चन्द्रशेखर का कहना रहा कि हमें विधानसभा चुनाव की हार से निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस के लुभावने वायदों के बाद भी प्रदेश की जनता ने अपना समर्थन दिया है। सीटों के लिहाज से भले ही हम सरकार न बना सकें हो, लेकिन प्राप्त मतों के नजरिए से भाजपा की स्थिति संतोषजनक रही है। पूरे प्रदेश में भाजपा को कांग्रेस से मात्र एक लाख 86 हजार मत ही कम मिले हैं। मतों की इस खाई को हमें लोकसभा चुनाव में भरना है। कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ काम करेगा तो प्रदेश के सभी 25 सीटों पर भाजपा की जीत होगी। भाजपा में अग्रिम संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कार्यकर्ताओं को अभी से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहिए। बैठक में अल्पसंख्यक मोर्चा, किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा आदि के प्रदेशाध्यक्ष और प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे। विधानसभा चुनाव की हार के बाद यह पहला अवसर रहा जब भाजपा की प्रदेश स्तर पर बड़ी बैठक हुई। विभिन्न मोर्चो के अध्यक्षों ने भी चन्द्रशेखर को भरोसा दिलाया कि लोकसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। विधानसभा चुनाव में जो खामिया रही उन्हें भी दूर किया जाएगा। हालांकि बैठक में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे जैसे बड़े नेता नहीं थे, लेकिन चन्द्रशेखर की उपस्थिति से मोर्चें के पदाधिकारियों में भारी उत्साह था। कई पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की गलतियां भी बताई।
मंच पर नहीं लगी वसुंधरा की फोटो:
भाजपा के विभिन्न मोर्चो की जो बैठक हुई उसके मंच पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का फोटो नहीं लगाया गया। मंच पर दीन दयाल उपाध्याय के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष् ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह का फोटो तो था लेकिन पूर्व सीएम के फोटो से परहेज किया गया। अब तक भाजपा की सभी बैठकों में वसुंधरा राजे का बड़ा फोटो लगता रहा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की वजह से वसुंधरा राजे की फोटो को भी दरकिनार कर दिया गया है। हालांकि फोटो नहीं लगने पर भाजपा के किसी भी नेता की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
दिल्ली में बैठकः
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ही 3 जनवरी को दिल्ली में प्रदेश के भाजपा सांसदों की बैठक भी हो रही है। इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं उपस्थित रहेंगे। केन्द्रीय मंत्री सीआर च ौधरी के नागौर जिले में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के जिलों में हार को लेकर भी दिल्ली की बैठक में समीक्षा होगी। जानकार सूत्रों के अनुसार बैठक में केन्द्रीय मंत्रियों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों में हार के कारण पूछे जाएंगे। हालांकि किसी भी केन्द्रीय मंत्री को हटाने की संभावना नहीं है, लेकिन फिर भी केन्द्रीय मंत्रियों की भूमिका के बारे में विचार होगा। बैठक में वर्तमान सांसदों को दोबारा से उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में भी राय ली जाएगी। मालूम हो कि अभी 25 में से 23 भाजपा के सांसद हैं, हालांकि गत चुनाव में सभी 25 सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी, लेकिन अजमेर और अलवर के सांसदांे के निधन के बाद हुए उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
प्रतिपक्ष के नेता की कवायद भी:
राजस्थान में 200 में से भाजपा के 74 विधायक विजयी हुए हंै। हालांकि 11 दिसम्बर को चुनाव परिणाम सामने आ गए थे, लेकिन अभी तक भी प्रतिपक्ष के नेता की घोषणा नहीं हुई है। राजस्थान में चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत 13 जनवरी तक सभी विधायकों को विधानसभा में शपथ लेना अनिवार्य है। माना जा रहा है कि 10 जनवरी के बाद इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व चाहता है कि विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पहले प्रतिपक्ष के नेता का चयन हो जाए। अभी यह तय नहीं है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को प्रतिपक्ष का नेता बनाया जाएगा या नहीं।