छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूलांे में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगाया। अन्य राज्य भी अमल करें।
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छत्तसीगढ़ की कांग्रेस सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए स्कूलों में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यानि छत्तसीगढ़ में अब कोई भी विद्यार्थी स्कूल में मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेगा। राज्य सरकार का यह फैसला वाकई सराहनीय है। अन्य राज्यों को भी इस तरह का निर्णय लेना चाहिए। असल में स्कूली विद्यार्थियों के पास मोबाइल फोन होने से अनेक समस्याएं खड़ी हो रही हैं। जिन स्कूलों में लड़के-लड़कियां साथ साथ पढ़ते हैं उनमें तो समस्याएं कुछ ज्यादा ही है। सवाल उठता है कि जो बच्चे स्कूल में 12वीं कक्षा तक पढ़ने के लिए आते हैं उन्हें मोबाइल की क्या आवश्यकता है? कई बार यह देखा गया है कि कक्षाओं में बच्चे मोबाइल पर गैम खेलते रहते हैं या फिर चेटिंग करते हैं। स्कूली बच्चों के पास मोबाइल बेहद खतरनाक हो रहा है। माता पिता की यह मजबूरी है कि उन्हें अपने बच्चों की जिद के आगे झुकना पड़ता है। वैसे तो सबसे पहली जिम्मेदारी माता पिता की है। माता पिता को चाहिए की बच्चों को किसी भी स्थिति में मोबाइल फोन नहीं दें। अब जब छत्तसीगढ़ की सरकार ने स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया है, तब अभिभावकों को चाहिए कि अपने बच्चों से मोबाइल फोन छीन लें। ऐसे कई मामले में सामने आए हैं जिन में मोबाइल फोन आत्महत्या का कारण भी बने हैं। स्कूल में पढ़ने वाले किसी भी विद्यार्थी को मोबाइल फोन की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन दिखावे के लिए मोबाइल फोन रखा जाता है। महंगे मोबाइल रखना शान समझा जाने लगा है। छत्तसीगढ़ की सरकार ने मोबाइल पर प्रतिबंध लगाकर समाज को एक बड़ी राहत प्रदान की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में इस निर्णय का सख्ती के साथ पालन हो।