भारत की बदनामी कर नरेन्द्र मोदी को हटाने का प्रयास।
हैकर सैय्यद शुजा के साथ अमरीका में कपिल सिब्बल ने प्रेस काॅन्फ्रेंस की।
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भारत में लोकतंत्र है और भारत में रह कर देश विरोधी भावना रखने वाले भी वोट दे सकते हैं। ऐसे में चुनाव में किसी नेता और राजनीतिक दल को हराना आसान होता है। लोकतंत्र के इतने बिगड़े स्वरूप के बाद भी चुनाव जीतने के लिए यदि देश की बदनामी की जाए तो कई सवाल उठते हैं। मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। चूंकि लोकतंत्र है इसलिए सारे तौर तरीके जायज माने जा रहे हैं। इसी कड़ी में तथा कथित भारतीय साइबर एक्सपर्ट सैय्यद शुजा का बयान सामने आया है। शुजा का दावा है कि 2014 के चुनाव में भाजपा के एक नेता ने ईवीएम मशीन हैक करवाई थी। यानि भाजपा हैकिंग कर चुनाव जीत थी। शुजा ने अमरीका में जब प्रेस काॅन्फ्रेंस की तब कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद थे। समझ में नहीं आता कि विदेशी जमीन पर भारत की बदनामी करने में नेताओं को क्या मजा आता है। जहां तक शुजा के दावों का सवाल है तो एबीपी न्यूज की पड़ताल में सभी दावे झूठे पाए गए हैं। ईवीएम बनाने वाली कंपनी ईसीआईएल ने साफ कहा है कि सैय्यद शुजा नाम का कोई व्यक्ति कंपनी का कर्मचारी नहीं रहा और न ही हैदराबाद के किसी गेस्ट हाउस में शुजा की टीम के 11 लोगों की हत्या हुई। शुजा का कहना था कि हत्या के डर की वजह से अमरीका में आकर बस गया था। हालांकि अब भारतीय चुनाव आयोग ने शुजा के खिलाफ दिल्ली में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है, लेकिन सवाल उठता है कि शुजा को आगे रखकर भारत की बदनामी कौन कर रहा है? प्रेस काॅन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल की मौजूदगी साफ संकेत दे रही है। यह वे ही सिब्बल है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर कहा कि राम मंदिर के मुकदमंे की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद की जाए। सिब्बल ने जो कहा आज वो ही हो रहा है। सिब्बल ने अब ईवीएम हैकिंग का मामला उठाल दिया है। जबकि वर्तमान परिस्थितियों में यह कोई मुद्दा नहीं है। यह बात तो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में देश में कांग्रेस की सरकार थी दूसरा मई 2019 में होने वाले चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपेट की सुविधा होगी। यानि मतदाता देख सकेगा कि वोट सही दर्ज हुआ है या नहीं। ऐसे में ईवीएम पर सवाल उठाना बेमानी है। इसी ईवीएम से कांग्रेस ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की है। क्या लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के चेहरे से विपक्ष को डर लग रहा है इसलिए शुजा को आगे किया जा रहा है? अब सैयद शुजा की गतिविधियों की भी जांच होनी चाहिए।