युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र भी हो सकता है आय का जरिया।
भगवंत यूनिवर्सिटी की ओर से किसान मेले का आयोजन।
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13 फरवरी को अजमेर के आजाद पार्क में भगवंत यूनिवर्सिटी की ओर से किसान मेले का आयोजन किया गया। मेले में जिले भर से आए किसानों ने कृषि क्षेत्र में नई तकनीक और माल की विक्रय पद्धति को समझा। यूनिवर्सिटी के कृषि संकाय से जुड़े विशेषज्ञों एवं सरकार के कृषि विज्ञानियों ने कहा कि अब युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र भी आय का जरिया बन गया है। यदि कृषि की नई तकनीक की जानकारी हो तो अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अब कृषि का मतलब सिर्फ धान पैदा करना नहीं है, बल्कि डेयरी, शहद, मुर्गी पालन आदि से खसा रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। आॅर्गेनिक खेती ने तो कृषि उत्पादों का महत्व और बढ़ाया है। यूनिवर्सिटी में कृषि विज्ञान की पढ़ाई करने वाले युवाओं का उद्देश्य सिर्फ सरकारी नौकरी प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, बल्कि अपने गांव में जाकर कृषि का कार्य करना होना चाहिए। यदि एक पढ़ा लिखा युवा कृषि का कार्य करेगा तो उसका व्यापक असर होगा। देश में बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान होगा। कृषि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभानाएं हैं। अजमेर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के डाॅ. बीएस भाटी ने कृषि की नई तकनीक की जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार से कृषि उत्पादों से पैसा कमाया जा सकता है। मेले में यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने स्टाॅलें लगाकर कृषि कार्यों का प्रदर्शन भी किया। वहीं कृषि क्षेत्र के सफल परिवारों ने अपनी सफलता दिखाई। यूनिवर्सिटी के वाइंस चांसलर वीके शर्मा ने यूनिवर्सिटी में चल रही कृषि गतिविधियों के बारे में बताया। किसान मेले में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व मंत्री ललित भाटी, केवीके इंचार्ज डॉ. डीएस भाटी, एसवीओ एएच विभाग के डॉ. सुनील घर्या, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दिनेश अरोड़ा, प्रो आर के माथुर, डीन डॉ. धर्मेंद्र दुबे, एचओडी कृषि संजय मिश्रा, डॉ. आरपी सिंह, डॉ. रूप कुमार, डॉ. बीपी पांडे, डॉ. अमित मिश्रा, ईआर अमित चैधरी, राजीव माथुर, रवि बालियान, अतुल तिवारी आदि उपस्थित रहे। मेले में ओम प्रजापति, नटवर सिंह, अर्जुन सिंह , महेंद्र सिंह , बाबू सिंह व आशा रानी को सम्मानित किया।