क्या गहलोत-पायलट के ताजा विधेयक से राजस्थान के गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण मिल जाएगा? राहुल गांधी के 14 फरवरी के दौरे को देखते हुए अजमेर में आंदोलन स्थगित हुआ। कर्नल बैंसला की तबीयत बिगड़ी।
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13 फरवरी को विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की पहल पर गुर्जरों को आरक्षण देने के लिए जो विधेयक प्रस्तुति किया गया क्या उससे गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण मिल पाएगा। हालांकि इस विधेयक में दावा किया गया है कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जरों को आरक्षण मिल जाएगा, लेकिन सवाल उठता है कि क्या संविधान में संशोधन के बगैर ऐसा आरक्षण किसी जाति को मिल सकता है? हाल ही में जब गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का विधेयक संसद में पास किया गया तो पूरे देश ने देखा कि इसके लिए संविधान में संशोधन किया गया था। इसके लिए संसद में कांग्रेस भाजपा और अन्य राजनीतिक दल एक जुट थे। हालांकि इस विधेयक को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। राजस्थान विधानसभा में पहले भी ऐसा विधेयक पास किया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल सका। पूर्व में भाजपा सरकार ने जो विधेयक पारित किया था उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। अभी गुर्जर समुदाय को जो एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है उसका मामला भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। असल में राजस्थान में पचास प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है। इसमें गुर्जर समुदाय भी ओबीसी वर्ग में शामिल है। अब गुर्जर समुदाय चाहता है कि उसे अनुसूचित जाति वर्ग की तरह अलग से पांच प्रतिशत आरक्षण मिल जाए। यह तभी संभव है जब संसद में संविधान संशोधन हो। कांग्रेस सरकार ने भले ही अपना दायित्व पूरा कर लिया हो, लेकिन विधिविशेषज्ञों का मानना है कि ताजा विधेयक से गुर्जरों को आरक्षण नहीं मिल सकता है। इस संबंध में गुर्जर आंदोलन के मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने भी कहा है कि पहले विधेयक के मसौदे को देखा जाएगा। यानि इस विधेयक से कर्नल बैंसला भी आसानवित नहीं है। ऐसे में देखना होगा कि अब गुर्जर आंदोलन का क्या होता है। पिछले छह दिनों से गुर्जर आंदोलन की वजह से राजस्थान से रेल और सड़क मार्ग ठप पड़े हुए हैं। जगह जगह हाइवे जाम हो रहे हैं। कर्नल बैंसला खुद सवाई माधोपुर में दिल्ली मुम्बई रेल ट्रेक पर धरना देकर बैठे हुए हैं। लाखों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अजमेर में आंदोलन स्थगित:
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के 14 फरवरी के अजमेर दौरे को देखते हुए अजमेर में गुर्जर आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है। हालांकि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अभी भी रेल ट्रेक पर बैठे हुए हैं और प्रदेशभर में गुर्जर नेशनल हाइवे जाम कर रहे हैं लेकिन अजमेर में इन सब गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है। अजमेर में आंदोलन चलाने के लिए गुर्जरों की जो संघर्ष समिति बनी है उसी के निर्णय पर ऐसा हुआ है, लेकिन जानकारों की माने तो आंदोलन स्थगित करने को लेकर समिति के सदस्यों में आम सहमति नहीं बनी। समिति में भाजपा के ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष ओम भडाना भी शामिल हैं, लेकिन आंदोलन स्थगित करने पर भडाना से कोई राय नहीं ली गई। भडाना का कहना है कि अखबार में खबर छपने के बाद पता चला कि आंदोलन स्थगित किया गया है। भडाना का कहना रहा कि वे कर्नल बैंसला के साथ खड़े हुए हैं। उनका समर्थन पूरी तरह गुर्जर समुदाय को है। उन्होंने कहा कि गुर्जरों की जो दयनीय स्थिति है उसे देखते हुए पांच प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। जानकारों की माने तो अजमेर की समिति में कांगे्रस विचारधारा वाले गुर्जर नेताओं का कब्जा है इसलिए राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए आंदोलन को स्थगित कर दिया गया।
सेवादल का अधिवेशन शुरू:
अजमेर में कायड़ विश्राम स्थली पर 13 फरवरी को कांग्रेस सेवादल दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हो गया। प्रमुख गांधीवादी विचाराक सुब्बा राव ने 13 फरवरी को सुबह सम्मेलन का उद्घाटन किया। उम्मीद है कि देर शाम तक सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी अजमेर आ रहे हैं। राहुल गांधी 14 फरवरी को दोपहर अजमेर पहुंचेंगे और इसी के साथ दो दिवसीय सम्मेलन का समापन भी होगा। राहुल गांधी देशभर से आए सेवादल के कार्यकर्ताओं की परेड की सलामी लेंगे। सेवादल के प्रदेश मुख्य संगठक और विधायक राकेश पारीक ने बताया कि लम्बे अर्से बाद सेवादल की परेड का कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई पिछले कई दिनों से अजमेर में डेरा जमाए हुए हैं। दो दिवसीय अधिवेशन में कोई पचास हजार कार्यकर्ताओं के जुटने का दावा किया गया है।
बैंसला का तबीयत बिगड़ीः
गत 8 फरवरी से सवाई माधोपुर के रेल ट्रेक पर धरना दे रहे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के मुखिया कर्नल किरोडी सिंह बैंसला की तबीयत 13 फरवरी को अचानक बिगड़ गई। प्राथमिक इलाज के लिए चिकित्सक धरना स्थल पर पहुंच गए हैं। चिकित्सकों ने कर्नल बैंसला को आराम की सलाह दी है वहीं बैंसला के पुत्र विजय बैंसला ने कहा कि उनके अस्सी वर्षीय पिता के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अवसर गुर्जरों के जीवन मरण का इसलिए सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए। कर्नल बैंसला पहले ही कह चुके हैं कि पांच प्रतिशत आरक्षण का सरकारी नोटिफिकेशन हाथ में आने के बाद ही धरने पर उठेंगे।