कश्मीर में आॅपरेशन भी हाथों हाथ हो।

कश्मीर में आॅपरेशन भी हाथों हाथ हो। अनुच्छेद 370 भी हटे और हिन्दू भी बसें। 
नहीं तो आतंकी फिर सिर उठाएंगे।
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26 फरवरी को तकड़े भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर जो बमबारी की, उसकी कल्पना पाकिस्तान को भी नहीं थी। निःसंदेह इस हमले से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के हौंसले पस्त होंगे। लेकिन भारत में आतंक का तभी खात्मा होगा, जब कश्मीर का आॅपरेशन भी हाथों हाथ हो। यदि भारत को आतंक से छुटकारा चाहिए तो कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर हिन्दुओं को फिर से कश्मीर में बसाया जाए। यह सही है कि आम कश्मीरी आतंकियों के साथ नहीं है, लेकिन पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के इशारे पर हमारे कश्मीरियों को भी डरा कर रखा जाता है। ऐसे आतंकियों ने ही कश्मीर से हिन्दुओं को भगाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि पुलवामा जैसे हमले भारत में न हो तो उन्हें कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की घोषणा भी कर देनी चाहिए। इसके लिए भले ही संसद का विशेष सत्र बुलाना पड़े। इस मौके पर जो राजनीतिक दल 370 का समर्थन करेगा उसका लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ हो जाएगा। आतंकियों के समर्थक माने जाने वाले पीडीपी, नेशनल काॅन्फ्रेंस जैसे दलों के लोकतांत्रिक चेहरे पर से नकाब उतर जाएगी और जब कश्मीर घाटी में हिन्दू भी रहेंगे तो फिर हमारा कश्मीर वाकई स्वर्ग बन जाएगा। 26 फरवरी को तड़के जो सैन्य कार्यवाही हुई है उससे पूरा देश अब मोदी सरकार के साथ खड़ा है। इस एकजुटता का फायदा मोदी सरकार को उठाना चाहिए। पुलवामा हमले के बाद पूरा देश मोदी सरकार से ऐसी ही उम्मीद कर रहा था। मोदी सरकार लोगों की उम्मीद पर खरी उतरी है। अब स्थायी समाधान के लिए जरूरी है कि कश्मीर को भारत के साथ जोड़ा जाए। भारत को अब पाक के कब्जे वाले कश्मीर पर अपना हक जमाना चाहिए। यदि हमारे राजनेताओं ने गलती नहीं की होती तो आज पूरा कश्मीर भारत का हिस्सा होता और आतंकवाद की समस्या भी नहीं होती। जो लोग कश्मीर में हमारे सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकते हैं या गोलियां चलाते हैं वे दया के पात्र नहीं है। ऐसे  देशद्रोहियों को तो कुचला ही जाना चाहिए। अब समय आ गया है जब फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को भी सबक सिखाया जाए। ऐसे नेता हमारे  धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्र का चोला ओढ़कर पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। ऐसे नेताओं का भारत में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। भारत का आम मुसलमान अच्छी तरह समझता है कि जितना सुकून और सम्मान भारत में उतना सम्मान किसी मुस्लिम राष्ट्र में भी नहीं मिलेगा। 26 फरवरी को जो कार्यवाही हुई है उसका असर तभी होगा, जब हमारे कश्मीर में हिन्दू भी शांति के साथ रहेंगे।
एस.पी.मित्तल) (25-02-19)
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