एयर चीफ मार्शल की फटकार के बाद स्ट्राइक के सबूत मांगने वालों को चुप हो जाना चाहिए।
आखिर क्यों कर रहे हैं पाकिस्तान की मदद।
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4 मार्च को एयर चीफ मार्शल वीएस धनोआ ने उन नेताओं को फटकार लगाई है जो 26 फरवरी की एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे हैं। धनोआ ने मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि हमने लक्ष्य के अनुरूप कार्यवाही की। हमारा कार्य लाशें गिनना नहीं है। यदि जंगल में बम गिराए जाते तो फिर अगले दिन पाकिस्तान हम पर हमला क्यों करता? उन्होंने साफ कहा कि अभी पाकिस्तान में आॅपरेशन खत्म नहीं हुआ है। एयर चीफ ने कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल, नवजोत सिंह सिद्धू से लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तक के बयानों का जवाब दे दिया है। एयर चीफ की फटकार के बाद अब एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने वालों को चुप हो जाना चाहिए। यदि अब भी सबूत मांगे जाते रहे तो फिर यह माना जाएगा कि ऐसे नेता हमारी सेनाओं पर भरोसा नहीं करते हैं। जिस सेना की बहादुरी की वजह से कपिल सिब्बल, ममता बनर्जी जैसी नेता हिफाजत के साथ इस देश में रह रहे है उन्हें फिर अपने बारे में सोचना चाहिए। सवाल यह नहीं है कि पीओके पर जो सैन्य कार्यवाही हुई उसमें कितने आतंकी मरे? अहम सवाल ये है कि हमारी वायु सेना ने पीओके में अस्सी किलोमीटर अंदर तक घुसकर आतंकवादियों के ठिकाने नष्ट कर दिए। जो इलाका पाकिस्तान के कब्जे में है उसमें जाकर एक हजार किलो के बम गिराना कोई कम महत्व की बात है? वायु सेना के जांबाज पायलट वापस सकुशल लौट आए। हमें सेना की इस बहादुरी की प्रशंसा तो करनी ही चाहिए। श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1971 में जब बंगलादेश को आजाद कराया, तब भले ही सेना की बहादुरी रही हो, लेकिन श्रेय श्रीमती इंदिरा गांधी को मिला। लोकसभा के चुनाव में विजय भी प्राप्त की। अब यदि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री है और सेना ने पाकिस्तान पर कार्यवाही की है तो फिर श्रेय भी मौजूदा सरकार को ही मिलेगा। माना कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। जबकि विपक्ष का प्रयास है कि मोदी को श्रेय न लेने दिया जावे। इस चक्कर में विपक्ष के नेता पाकिस्तान को मदद करने वाली कार्यवाही कर रहे हैं। सवाल लोकसभा चुनाव में किसी की जीत और हार का नहीं है? सवाल देश को बचाने का है। यदि हमारी सेना देश को बचाने का काम करती है तो सभी देशवासियों को प्रशंसा करनी चाहिए। जब एयर चीफ धनोआ ने कह दिया हमने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है तो फिर सबूत मांगने की कोई गुंजाइश नहीं होती। अच्छा हो कि विपक्ष के नेता अन्य मुद्दों पर मोदी को घेरने की कोशिश करे। एयर स्ट्राइक का मुद्दा अब समाप्त हो जाना चाहिए।