पुष्कर के अनंता रिसोर्ट के समारोह स्थल का काम रुकवाया।
अब कांग्रेसियों की पहल, पहले भाजपाई थे मददगार।
अब देखनी है कांग्रेसियों की ईमानदारी।
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पुष्कर की पांच सितारा सुविधायुक्त अनंता रिसोर्ट के समारोह स्थल के निर्माण कार्य को पुष्कर प्रशासन ने रुकवा दिया है। तहसीलदार पंकज बड़गुर्जर, पुष्कर नगर पालिका की ईओ रेखा जेसवानी और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों की एक टीम आठ मार्च को अनंता रिसोर्ट पहुंची और मौके पर हो रहे निर्माण कार्य को सख्ती के साथ रुकवा दिया। माना जा रहा है कि यह निर्माण पुष्कर सरोवर में पानी की आवाक को प्रभावित करेगा तथा निर्माण भी नियमों के विरुद्ध हो रहा है। पालिका से निर्माण की स्वीकृति नहीं ली गई। तहसीलदार बड़गुर्जर का कहना है कि अनंता रिसोर्ट का क्षेत्र अजमेर विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आता है। इसलिए मौका रिपोर्ट प्राधिकरण को भेजी जा रही है। अब आगे की कार्यवाही प्राधिकरण के अधिकारियों को ही करनी होगी। जानकार सूत्रों के अनुसार अनंता रिसोर्ट के खिलाफ इतनी बड़ी कार्यवाही कांग्रेस के कुछ नेताओं के दबाव में की गई है। पालिका प्रशासन ने माना है कि लिखित शिकायत के बाद जांच टीम गठित की गई थी। यह कार्यवाही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हुई है। लेकिन अब देखना होगा कि कांग्रेस के नेताओं का दबाव कितने दिन रहता है। क्योंकि अनंता रिसोर्ट के मालिक बेहद प्रभावशाली हैं। जिस जमीन पर समारोह स्थल बनाया जा रहा है वह दस बीघा जमीन अजमेर के डबल एए श्रेणी के ठेकेदार एचएस मेहता से ली गई है। पालिका ने इस भूमि पर समारोह स्थल की अनुमति दी है, लेकिन इस अनुमति की आड़ में बड़ा निर्माण हो रहा है हालांकि यह अनुमति भी 31 मार्च 2019 तक ही है। सरोवर में पानी की आवक के लिए जो चैनल बनाई गई है वह अनंता रिसोर्ट के पास से ही गुजर रही है। असल में जब पहाड़ी के नीचे अनंता रिसोर्ट का निर्माण हुआ था, तब भी सरोवर में पानी की आवक का मामला उठा था, लेकिन चांदी के जूते की वजह से संबंधित विभागों के अधिकारियों ने आंख और मुंह बंद कर लिए। आज करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र पुष्कर सरोवर एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहा है। लेकिन अनंता रिसोर्ट के मालिक मालामाल हो गए। चूंकि इस महंगे रिसोर्ट की लगातार मांग बढ़ रही है इसलिए एक ठेकेदार से भूमि लीज पर ली गई। यदि अनंता रिसोर्ट और समारोह स्थल के निर्माण की ईमानदारी से जांच हो तो पोल खुल सकती है। अभी कांग्रेस के नेताओं के दबाव में यह कार्यवाही की गई है, लेकिन निर्माण कार्य कितने दिन बंद रहता है यह कुछ दिनों में पता चलेगा। अनंता रिसोर्ट के मालिकों के संबंध जयपुर में कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी हैं। हो सकता है कि पुष्कर के जिन कांग्रेसियों ने रिसोर्ट के खिलाफ कार्यवाही करवाई है वे ही पीछे हट जाए। शुरू में भाजपा के नेताओं ने भी इस तरह चिल्लपो की थी। लेकिन बाद में सब नेता चुप हो गए। भाजपा के शासन में तो रिसोर्ट के मालिकों के इशारे पर भाजपा के नेता कुछ भी करने को तैयार रहते थे। हाईकोर्ट के आदेश से जब नेशनल और स्टेट हाईवे के किनारे बनी होटल, रेस्टोरेंट, रिसोर्ट आदि में बार के लाइसेंस निरस्त हो गए तो अनंता रिसोर्ट को भी अपनी बार (शराब की दुकान) बंद करनी पड़ी। रिसोर्ट के सामने से ही स्टेट हाईवे गुजर रहा था। लेकिन इसी पुष्कर नगर पालिका ने अनंता रिसोर्ट के सामने वाली सड़क को स्टेट हाइवे से तब्दील कर पालिका की गौरवपथ योजना में शामिल कर लिया। मजे की बात ये रही कि गौरवपथ को अनंता रिसोर्ट के सामने ही समाप्त कर दिया गया। ऐसा करिश्मा इसलिए किया ताकि हाईकोर्ट के आदेश को बेअसर किया जा सके। जब अनंता रिसोर्ट के लिए हाईवे को बदला जा सकता तब निर्माण कार्य को बंद करवाना क्या मायने रखता है। फिलहाल पुष्कर प्रशासन की कार्यवाही को एक बोल्ड कदम माना जा रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में पता चलेगा कि यह बोल्ड कदम कितना प्रभावी है। देखना है कि ईमानदार छवि वाले सीएम अशोक गहलोत के राज में रिसोर्ट के मालिकों को कितनी जल्दी सफलता मिलती है। अलबत्ता आठ मार्च की कार्यवाही से अजमेर विकास प्राधिकरण से लेकर स्वायत्त शासन विभाग तक हिल गया है। अब उन अधिकारियों की जांच पड़ताल हो रही है जिन्होंने अनंता रिसोर्ट के परिसर में घुसने की हिम्मत दिखाई।