26 मार्च को राहुल गांधी के सामने राजस्थान के सभी 13 निर्दलीय विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। यह सीएम अशोक गहलोत का मास्टर स्ट्रोक होगा। पर डिप्टी सीएम सचिन पायलट नाखशु।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 26 मार्च को एक दिवसीय दौरे पर राजस्थान आ रहे हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार राहुल गांधी गंगानगर और बूंदी में चुनावी सभाओं को सम्बोधित करेंगे, जबकि जयपुर में रामलीला मैदान पर कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। 23 मार्च को सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर में राहुल के दौरे की तैयारियां देखी। जानकारों की माने तो गहलोत ने प्रदेश के सभी 13 निर्दलीय विधायकों से भी सम्पर्क साधा। माना जा रहा है कि 26 मार्च को जयपुर के रामलीला मैदान पर इन सभी 13 निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवा दी जाएगी। ये सभी विधायक जीतने के बाद से ही सीएम गहलोत के सम्पर्क में हैं। निर्दलीय विधायकों की सिफारिश से ही उनके निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकारियों की नियुक्ति हुई है। 13 विधायकों के शामिल हो जाने से गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मजबूत हो जाएगी। अभी सरकार को सिर्फ बहुमत हासिल हैं। 200 में से 100 विधायक कांग्रेस के हैं। निर्दलीय विधायकों के आ जाने से सरकार के पास 113 का बहुमत हो जाएगा। असल में गहलोत को अल्पमत की सरकार को बहुमत में बदलने की हैडमास्टरी है। गतबार गहलोत जब सीएम बने थे, तब कांग्रेस के पास 95 विधायक ही थे, लेकिन गहलोत बड़ी चतुराई से बसपा के सभी 5 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवा लिया। गोलमा देवी जैसी निर्दलीय विधायक को मंत्री बना कर पांच वर्ष तक बड़े आराम से सरकार चलाई। इस बार भी गहलोत सभी 13 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाकर लोकसभा चुनाव के मौके पर बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेलने जा रहे हैं। असल में अभी तक कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं हुई है। कांग्रेस की सूची में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा (अजमेर) जैसे के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं। मंत्रियों के सांसद बने जाने के बाद भी राजस्थान की कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं होगा, इस बात के लिए गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को आश्वस्त करना चाहते हैं। इसलिए राहुल के सामने 13 निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाया जा रहा है। यदि किन्हीं कारणों से 26 मार्च को ऐसा संभव नहीं हुआ तो भी राहुल से 13 विधायकों की मुलाकात करवाई जा सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए गंभीर बात यह है कि भाजपा पृष्ठ भूमि वाले निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, ओम प्रकाश हुंडला, कांतिलाल मीणा आदि भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। जबकि निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, सुखबीर सिंह, राजकुमार गौड, बलजीत यादव, रामकेश मीणा, महादेव सिंह खंडेला, अलोक बेनीवाल, लक्ष्मण सिंह, बाबूलाल नागर तथा श्रीमती रमीला खाड़िया विधायकों से प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने भी मुलाकात कर ली है।
पायलट नाखुशः
कांग्रेस के अंदरुनी सूत्रों के अनुसार 13 निर्दलीय विधायकों को एक मुश्त कांग्रेस में शामिल करने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट नाखुश बताए जाते हैं। सूत्रों की माने तो सीएम गहलोत एक माह पहले ही निर्दलीय विधायकों को कांगे्रस में शामिल करवाना चाहते थे, लेकिन पायलट की नाराजगी के चलते ऐसा संभव नहीं हुआ। असल में कांग्रेस का एक धड़ा नहीं चाहता कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार मजबूत हो। 13 निर्दलीय विधायकों के शामिल होने का श्रेय भी गहलोत को ही जा रहा है। इस धड़े को लगता है कि विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर पहले ही अन्याय हुआ है। यदि 13 निर्दलीय विधायक कांगे्रस में शामिल होते हैं तो इस धड़े की राजनीतिक स्थिति और कमजोर होगी।