किशनगढ़ के विधायक सुरेश टांक बन सकते हैं कांगे्रस सरकार में मंत्री।
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Sp mittal
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March 26, 2019
किशनगढ़ के विधायक सुरेश टांक बन सकते हैं कांगे्रस सरकार में मंत्री।
किशनगढ़ के विकास को पहली प्राथमिकता।
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अजमेर के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक सुरेश टांक ने 26 मार्च को प्रदेश की कांगे्रस सरकार को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ टांक भी जयपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर रहे हैं। असल में निर्दलीय विधायकों का समूह बनाने में टांक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि टांक भाजपा पृष्ठ भूमि के राजनेता है, लेकिन विधायक बनते ही टांक ने अशोक गहलोत से सम्पर्क साध लिया। निर्दलीय विधायकों का जो समूह बना उसके समर्थन देने की घोषणा से पहले ही कुछ मांगों पर सहमति करवाई है। इसमें निर्दलीय विधायकों को मंत्री और संसदीय सचिव बनाने की मांग की है। भले ही ऐसे विधायक फिलहाल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण न करें, लेकिन वह चाहते हैं कि उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक ही माना जाए, निर्दलीय विधायकों के समूह में टांक की स्थिति मजबूत है। टांक ने दिल्ली से कांगे्रस के बड़े नेताओं से भी मुलाकात की है। टांक किशनगढ़ मार्बल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसलिए उनके सम्पर्क कांगे्रस के बड़े नेताओं से भी है। निर्दलीय विधायकों के समूह में जिन तीन चार विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। उसमें सुरेश टांक का नाम भी शामिल है। हालांकि दूदू के निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर का मंत्री पद पर दावा भी मजबूत है, लेकिन नागर पर अभी भी एक आपराधिक मुकदमे की तलवार लटक रही है। इस मुकदमे की वजह से ही कांग्रेस ने नागर को विधानसभा चुनाव में टिकिट नहीं दिया था। नागर कांग्रेस पृष्ठ भूमि के ही है। इसलिए कांग्रेस में उनका दावा सुरेश टांक के मुकाबले कमजोर माना जा रहा है। अजमेर संसदीय क्षेत्र में दूदू भी शामिल है। यदि कांग्रेस उम्मीदवार को भाजपा पृष्ठ भूमि वाले विधायक का समर्थन मिलता है तो लोकसभा चुनाव में कांगे्रस की स्थिति मजबूत होगी।
विकास को प्राथमिकता:
कांगे्रस को समर्थन देने के अवसर पर टांक ने कहा कि वह किशनगढ़ के विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। चूंकि किशनगढ़ के मतदाताओं ने उन्हें विकास के खातिर ही वोट दिया है। इसलिए यह चाहते हैं कि सरकार से अधिक से अधिक कार्य करवाए जाएं। वह किशनगढ़ में विकास कार्यों की मिसाल कायम करना चाहते हैं। निर्दलीय विधायक होने के नाते उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई सरोकार नहीं है। उनका एक मात्र उद्देश्य किशनगढ़ का विकास करवाना है। कांगे्रस को समर्थन भी इसी बात पर दिया है। जहां तक मंत्री बनाए जाने का सवाल है यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। किशनगढ़ राजस्थान ही नहीं देश की प्रमुख मार्बल मंडी है। किशनगढ़ से करोड़ों रुपए का टैक्स सरकार को मिलता है। यदि इतने बड़े ओद्योगिक क्षेत्र का विधायक होने के नाते उन्हें मंत्री पद मिलता है। तो यह मेरा सौभाग्य होगा। मंत्री बनने के बाद मैं और अधिक जवाबदेही के साथ काम करुंगा।