आयुक्त ने खुद अपनी आंखों से देखे अजमेर के अवैध निर्माण।

आयुक्त ने खुद अपनी आंखों से देखे अजमेर के अवैध निर्माण।
वैशाली नगर में तो हद हो गई। दो दर्जन से ज्यादा पर होगी कार्यवाही।
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30 मार्च को नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल (आईएएस) ने अजमेर शहर का दौरा कर अवैध निर्माणों को अपनी आंखों से देखा। आवासीय भवनों हेतु स्वीकृत मानचित्रों  पर खुले आम व्यावसायिक निर्माण हो रहे हैं। दो तीन सौ वर्गगज के आवासीय भूखंड पर कई मंजिला काॅम्प्लेक्स का निर्माण खुलेआम हो रहा है। आयुक्त चिन्मयी गोपाल को लगातार शिकायतें मिल रही थी, इन शिकायतों के मद्देनजर  ही तीस मार्च को निगम के अधिकारियों के साथ आयुक्त ने अपनी आंखों से अवैध निर्माणों को देखा। आयुक्त ने भी महसूस किया कि शहर भर में अवैध निर्माणों की बाढ़ आई हुई है। गंभीर बात तो यह रही कि ऐसे निर्माणों में निगम के इंजीनियरों की तो मिली भगत रही, साथ ही क्षेत्रीय पार्षद शामिल देखे गए। वैशाली नगर में केशव नगर के कोने पर जिस आवासीय भूखंड पर काॅमर्शियल निर्माण हो रहा है, उसमें तो सारे नियमों को ताक में रख दिया गया है। आयुक्त ने वैशाली नगर के साथ-साथ गौरव पथ, क्रिश्चियनगंज, माकड़वाली, गेटवेल अस्पताल के पास, बीकानेर मिष्ठान भंडार के पास और सामने, शास्त्री नगर आदि क्षेत्रों में अवैध निर्माण को देखा। अनियमितताओं को देखते हुए ऐसे अवैध निर्माण नियमानुसार कार्यवाही के लिए कहा। निगम में लम्बे समय बाद यह अवसर आया है जब आयुक्त अपने वातानुकूलित कमरे से निकलकर तपती धूप में अवैध निर्माणों का जायजा ले रही हैं। अब तक तो ऐसे निर्माणों को रोकने वाला कोई नहीं था। यदि कोई जागरुक व्यक्ति आवाज उठाता तो उसकी आवाज को कुचल दिया जाता था। लेकिन लोग निगम में शिकायत करने से भी डरते थे। 13 व्यावसायिक मानचित्रों की स्वीकृति रद्द की जा चुकी है और स्थानीय निकाय विभाग ने मेयर गहलोत को नोटिस तक दे दिया है। सरकार के सख्त रुख को देखते हुए मेयर अब हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं। माना जा रहा है कि आयुक्त द्वारा जो कार्यवाही की जा रही है उसका लाभ अजमेर के नागरिकों को मिलेगा। कम से कम अवैध निर्माणों पर रोक तो लगेगी ही। आयुक्त चिन्मयी के दौरे से निगम के पार्षदों में भी खलबली मच गई है।
सामान्य प्रक्रियाः
तीस मार्च के दौरे के संबंध में आयुक्त चिन्मयी ने कहा कि यह निगम की सामान्य प्रक्रिया है। मैंने अतिक्रमणों को फिलहाल दो श्रेणी में बांटा है एक पिछले एक वर्ष पहले तथा दूसरे पूर्व के वर्षों के अवैध निर्माण। त्वरित कार्यवाही की दृष्टि से फिलहाल पिछले एक वर्ष में हुए निर्माणों का निरीक्षण और परीक्षण किया जा रहा है।
एस.पी.मित्तल) (30-03-19)
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