मात्र दो करोड़ रुपए खर्च कर अजमेर को मिल सकती है पानी की भीषण किल्लत से निजात।
टेंकर से पेयजल सप्लाई के लिए दस करोड़ का प्रस्ताव।
त्रिवेणी संगम से बीसलपुर बांध तक बननी है कच्ची नहर।
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जगत पिता ब्रह्मा और सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की धार्मिक नगरी अजमेर में इन दिनों तीन-चार दिन में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 से 7 दिन के अंतराल मात्र एक बार 45 मिनट के लिए पेयजल की सप्लाई की जा रही है। भीषण गर्मी में अजमेर के 19 लाख मतदाताओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। लोकसभा चुनाव के मौके पर ऐसे हालातों में राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को लोगों के गुस्से को समझना चाहिए। यह सही है कि इस बार वर्षा कम होने की वजह से बीसलपुर बांध में पानी कम आया। अजमेर जिले के लोगों के लिए बीसलपुर बांध ही एक मात्र पेयजल का स्त्रोत है। हालांकि यह प्राकृतिक आपदा है, लेकिन सरकार में बैठे लोग अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। जहां तक अधिकारियों का सवाल है तो वे पहले अपने दाना पानी का इंतजाम करते हैं भले ही पेयजल के अभाव में इंसान और जानवर दम तोड़ दें। यही वजह है कि जलदाय के इंजीनियरों ने अभावग्रस्त क्षेत्रों में टेंकरों से पेयजल की सप्लाई के लिए दस करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनवा कर भिजवा दिया है। सरकार ने अजमेर के जलदाय विभाग के इंजीनियरों को दो करोड़ रुपए भिजवा भी दिए हैं।
मात्र दो करोड़ में हो सकता है समाधानः
जलदाय विभाग के इंजीनियर भले ही पानी टैंकरों के लिए दस करोड़ रुपए की योजना बनाएं, लेकिन जानकार मानते हैं कि मात्र दो करोड़ रुपए खर्च कर अजमेर को पेयजल की समस्या से निजात दिलवाई जा सकती है। सब जानते है कि पड़ौसी भीलवाड़ा जिले में चम्बल परियोजना शुरू हो चुकी है। चम्बल नदी के जवाहर सागर बांध के इंटेक वैल भैसरोडगढ़ से भीलवाड़ा के आरोली तक पाइप लाइन के जरिए पानी आ रहा है। मौजूदा समय में भीलवाड़ा के लोगों की मांग 150 एमएलडी प्रतिदिन है, जबकि चम्बल नदी से भीलवाड़ा के लिए रोजना करीब 350 एमएलडी पानी लिया जा सकता है, क्योंकि 2045 तक भीलवाड़ा की मांग को देखते हुए 18एमएम की पाइप लाइन बिछाई गई है। भीलवाड़ा के आरोली से अजमेर के त्रिवेणी संगम (तीन नदियों को मिलाने वाला केन्द्र) तक पहले से ही पाइप लाइन बिछी हुई है। यानि चम्बल नदी का पानी आसानी से त्रिवेणी संगम तक आ सकता है। अब यदि त्रिवेणी से बीसलपुर बांध के 70 किलोमीटर मार्ग में फिलहाल कच्ची नहर बना दी जाए तो अजमेर के पेयजल की समस्या का समाधान हो सकता है। जानकार सूत्रों के अनुकसार कच्ची नहर में दस प्रतिशत पानी की छीजत ही होगी। यदि 100 एमएलडी पानी डाला जाएगा तो भी 90 एमएलडी पानी बांध में पहुंच जाएगा। 100 एमएलडी पानी बीसलपुर बांध में डालने से भीलवाड़ा की सप्लाई भी प्रभावित नहीं होगी। 70 किलोमीटर की कच्ची नहर बनाने में मुश्किल से दस दिन लगेंगे।
डरावनी स्थिति:
एक अप्रैल को बीसलपुर बांध का जल स्तर 307.82 मीटर मापा गया। अभी बांध से अजमेर जिले के लिए 250 एमएलडी पानी प्रतिदिन लिया जा रहा है। 250 एमएलडी पानी लेने पर शहरी क्षेत्रों में तीन-चार तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से सात दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो पा रही है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे वैसे पानी की मांग भी बढ़ने लगेगी। स्वाभाविक है तब सप्लाई में और कटौती होगी। अजमेर में 29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। माना जा रहा है कि मतदान के बाद लोगों को ज्यादा परेशानी होगी। जलदाय विभाग का कोई भी अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि बीसलपुर बांध से कब तक पानी लिया जा सकता है, जहां तक बरसात का सवाल है तो जुलाई के अंत पर अगस्त में ही बरसात का पानी बांध में आ पाएगा। वैसे भी जून में अजमेर में बरसात नहीं होती। जब बरसात होगी तो पहले बनास नदी में बने 2000 चैक डेम भरे जाएंगे। मौसम विशेषज्ञ तो इस बार भी राजस्थान में बरसात को लेकर शंकाए व्यक्त कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अलनीनो के प्रभाव से बरसात कम होगी।
चम्बल नदी ही है स्थायी समाधानः
अजमेर की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान चम्बल नदी का पानी ही है। अब जब भीलवाड़ा तक चम्बल का पानी आ गया है तो अजमेर तक भी लाया जा सकता है। सवाल यह भी है कि जब बीसलपुर बांध से जयपुर को पेयजल की सप्लाई हो रही है तो अजमेर की प्यास बुझाने के लिए भीलवाड़ा का पानी क्यों नहीं लिया जा रहा है। अजमेर के लोगों को प्यासा मार कर जयपुर को पानी दिया जा रहा है, जबकि अजमेर को पानी देने के लिए भीलवाड़ा के हितों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसे अजमेर का कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही कहा जाएगा कि बीसलपुर बांध से जयपुर को रोजाना करीब 350 एमएलडी पानी दिया जा रहा है, जबकि अजमेर को मात्र 250 एमएलडी।
रघु शर्मा ध्यान देंः
अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में अजमेर जिले के केकड़ी के विधायक रघु शर्मा सबसे ताकतवर मंत्री हैं। शर्मा के केेकड़ी के मतदाता भी पेयजल किल्लत से त्रस्त हैं। रघु शर्मा चाहें तो चम्बल नदी का पानी इन्हीं दिनों में बीसलपुर बांध तक ला सकते हैं। इस आपातकालीन प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी केकड़ी में ही तैनात पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता केदार शर्मा के पास है। इंजीनियर शर्मा ने प्रोजेक्ट को लेकर जिला प्रशासन का भी ध्यान आकर्षित किया है। मोबाइल नम्बर 9414355367 पर इंजीनियर शर्मा से जानकारी ली जा सकती है।